WFI: कुश्ती संघ पर लगे आरोपों की जांच कर रही समिति में बदलाव, भाजपा नेता और पहलवान बबीता फोगाट जांच समिति में शामिल

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पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए गठित निगरानी समिति पैनल में शामिल हो गई हैं। बबीता इससे पहले प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिली थीं और उन्हें न्याय दिलाने का वादा किया था।

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ पर लगे आरोपों की जांच करने वाली समिति में पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट को भी शामिल किया गया है। कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर आरोप लगाने वाले पहलवानों ने कहा था कि जांच समिति में सरकार ने अपनी मर्जी से लोग चुने हैं। पहलवानों के इस बयान के बाद बबीता फोगाट को जांच समिति में शामिल किया गया है। भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए गठित निगरानी समिति पैनल में शामिल होने वाली बबीता इससे पहले प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिली थीं और उन्हें न्याय दिलाने का वादा किया था।

भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए गठित निगरानी समिति पैनल का एलान होने के बाद पहलवानों ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध जताया था। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित कई पहलवानों ने ट्वीट कर लिखा था ‘हमें आश्वासन दिया गया था कि ओवरसाइट कमेटी के गठन से पहले हमसे सलाह ली जाएगी, लेकिन बड़े दुख की बात है कि इस समिति के गठन से पहले हमसे सलाह तक नहीं ली गई।’ इस ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को टैग भी किया था।

समिति में यह सदस्य हैं शामिल
गौरतलब है कि जो ओवरसाइट समिति बनी है उसकी प्रमुख विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम होंगी। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस समिति के गठन के बाद कहा था कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष अपने पद पर काम नहीं करेंगे। हम विश्व चैंपियन मैरी कॉम की अध्यक्षता में ओवरसाइट कमेटी बना रहे हैं। ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कृत तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन, राधा श्रीमन इसके सदस्य हैं। अब बबीता फोगाट को भी इस समिति में जोड़ा गया हैं।

क्या है पूरा मामला?
भारत के 30 से ज्यादा पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था और उन पर यौन शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, बृजभूषण ने इस आरोपों को सिरे से खारिज किया और पहलवानों पर आरोप लगा दिए। बृजभूषण के आरोपों का पहलवानों पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच खेल मंत्रालय और कुश्ती संघ ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे। अंत में पहलवानों के सामने बृजभूषण के दांव पेंच कमजोर पड़ गए और उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया।

पहलवानों का प्रदर्शन तीन दिन तक चला। पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बात की और बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया और उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई। समिति की जांच चल रही है। इस बीच कुश्ती संघ के सहायक सचिव ने बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन में बयानबाजी की थी और उन्हें उनके पद से हटा दिया गया।

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