Rajasthan: गुर्जर के बाद अब मीणा समाज के वोट साधने की तैयारी, फिर आएंगे मोदी

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भारत जोड़ो यात्रा वाले जिलों में भाजपा पीएम मोदी के चेहरे और काम के दम पर डटने की रणनीति बना रही है. इसी के चलते अब मीणा पंच अथाई से मीणा वोटर्स को साधने की तैयारी बीजेपी कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 फरवरी को फिर राजस्थान जा सकते हैं.

जयपुर: भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी आसींद में भगवान देवनारायण के अवतरण दिवस पर शनिवार को पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुर्जर समाज को साधने की कोशिश की. सूत्र बता रहे हैं कि अब मीणा समाज के वोटर्स को साधने का काम शुरू हो गया है. दिल्ली-मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के प्रथम फेज में सोहना (हरियाणा) से दौसा जिले के बड़ का पाड़ा तक 228 किमी. का निर्माण कार्य पूरा हो गया.

4 फरवरी को आ सकते हैं मोदी
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी 4 फरवरी को इसके उद्घाटन में आ सकते हैं. नांगल राजावतान स्थित मीणा पंच अथाई में दिल्ली-दौसा खंड का पीएम उद्घाटन कर सकते हैं. इसके शुरू होने से दौसा से दिल्ली पहुंचने में डेढ़ से 2 घंटे ही लगेंगे। इससे जयपुर को भी जोड़ा जाएगा. इसके लिए बांदीकुई से जयपुर तक नए एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम करीब पूरा हो चुका है. यहीं से मीणा बाहुल्य जिलों और विधान सभा सीटों पर पूरा फोकस तैयार किया जा रहा है.

किरोड़ी पहले से ही बैठे धरने पर
राजस्थान सरकार से अपनी कई मांगों को मनाने के लिए पहले ही भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) धरने पर बैठे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि पीएम के आने के बाद ही किरोड़ी लाल मीणा अपना धरना खत्म कर सकते हैं. किरोड़ी लाल से पीएम मिल भी सकते है. इसकी पूरी तैयारी है.

राजस्थान का जातीय समीकरण
राजस्थान में सात करोड़ की आबादी है. इसमें अगर किसी भी जाति का 10 फीसदी वोट बैंक बन रहा है तो वो मजबूत होता है. आकड़ों की माने तो राजस्थान में कुल 272 जातियां हैं. इनमें 51 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग ( 91 जातियां हैं, जिनमें जाट 9 फीसदी, गुर्जर 5 फीसदी, माली 4 फीसदी), 18 फीसदी अनुसूचित जाति (59 उप-जातियां हैं जिनमें मेघावत 6 फीसदी, बैरवा 3 फीसदी), 13 फीसदी अनुसूचित जनजाति (12 उप-जातियां हैं जिनमें मीणा 7 फीसदी, भील 4 फीसदी) और 18 फीसदी अन्य (ब्राह्मण 7 फीसदी, राजपूत 6 फीसदी, वैश्य 4 फीसदी) से आते हैं. इस समीकरण के अनुसार भाजपा बारी-बारी से वोटर्स को साधने में जुटी है.

पायलट के गढ़ में भाजपा की प्लानिंग
पूर्वी राजस्थान को सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है. ऐसे में भाजपा की पूरी नजर पूर्वी राजस्थान की 39 सीटों पर है. पूर्वी राजस्थान के 7 जिलों की 39 विधानसभा सीटों पर मीणा-गुर्जर मतदाताओं की संख्या मजबूत है. मीणा वोटर्स ने पिछले चुनाव में कांग्रेस को मजबूत किया था. कांग्रेस भी इन्हे अपना परंपरागत वोट बैंक मानती है. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि 2018 में कांग्रेस ने 39 में से 35 सीटें जीतकर अपना परचम फहराया था. दौसा और सवाई माधोपुर में बीजेपी नेता किरोड़ी लाल के प्रभाव वाले क्षेत्र में भी कांग्रेस ने सेंध लगाई थी. भाजपा के रणनीतिकारों ने पूर्वी राजस्थान के गुर्जर वोटर्स को साधने के लिए अब भारत सरकार की योजनाओं और मोदी को आगे करने की तैयारी है. कांग्रेस के लिए चुनौती बढ़ेगी.

भारत जोड़ो यात्रा हुई थी
पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के मीणा बाहुल्य क्षेत्रों से निकली थी. दौसा, सवाई माधोपुर, बूंदी के वोटर्स पर पूरी नजर थी. अब इन्हीं क्षेत्रों में भाजपा अपनी नजर बनाए हुए है. राहुल की यात्रा को गए हुए लगभग एक महीने हो जाएगा. उसके बाद से योजनाओं के सहारे कांग्रेस जहां घर-घर पहुंचने की कोशिश कर रही है. वहीं भाजपा पीएम मोदी के चेहरे के साथ भारत जोड़ो यात्रा की बनी राजनीतिक हवा को कम करने में जुटी है. राजनीति के जानकार बता रहे हैं कि यही उसी कड़ी में पहला काम है.

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