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परमाणु क्षमताओं का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है चीन, रिपोर्ट से हुआ खुलासा

चीन के पास भारत की तुलना में दोगुने परमाणु हथियार हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के पास 160 तो चीन के पास 350 परमाणु हथियार हैं। हाल के सालों में चीन ने लॉन्च क्षमताओं का तेजी से विस्तार किया है।
चीन के पास भारत की तुलना में दोगुने से अधिक परमाणु हथियार हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के पास 160 तो चीन के पास 350 परमाणु हथियार हैं।
हाल के सालों में चीन ने अपनी लॉन्च क्षमताओं का तेजी से विस्तार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले पांच सालों में चीन ने बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आदि पर बहुत तेजी से काम किया है।


परमाणु हथियारों को लेकर क्या बोले चीनी रक्षा मंत्री?

चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने हाल ही में सिंगापुर में शांगरी ला डायलॉग में कहा था कि चीन ने पांच दशकों से अधिक समय से अपनी परमाणु क्षमताओं का विकास किया है। यह कहना उचित है कि प्रभावशाली प्रगति हुई है। चीन की नीति सुसंगत है।
हम इसका इस्तेमाल आत्मरक्षा के लिए करते हैं। हम परमाणु हथियार का इस्तेमाल पहले नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा था कि चीन के परमाणु हथियारों का अंतिम लक्ष्य परमाणु युद्ध को रोकना है। हमने चीनी लोगों की कड़ी मेहनत की रक्षा करने और अपने लोगों को परमाणु युद्ध के संकट से बचाने के लिए परमाणु क्षमता विकसित की है।

190 से 1000 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की ओर बढ़ रहा चीन?
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट बताती है कि 2021 में चीन ने उत्तरी चीन में कम से कम चीन अलग-अलग क्षेत्रों में 300 से अधिक नए मिसाइल साइलो का निर्माण शुरू कर दिया था।
यदि चीन साइलो साइट को सिंगल वॉरहेड मिसाइल से भर देता है तो चीनी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की संख्या जनवरी 2022 के 190 से दोगुने से अधिक 450 वॉरहेड तक हो सकती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर हरेक संदिग्ध साइलो तीन मल्टीपल स्वतंत्र रूप से लक्षित रीएंट्री व्हीकल्स (MIRV) से लैस मिसाइल से भरा जाए तो यह संख्या करीब 1000 वॉरहेड तक जा सकती है।

दुनिया में 2000 परमाणु हथियार हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पास करीब 160 परमाणु हथियारों का भंडार है जो पिछले साल की तुलना में एक मामूली बढ़ोतरी है।
2022 की शुरुआत में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया के पास करीब 12,705 परमाणु हथियार थे। इनमें से करीब 2000 हथियारों को हाई ऑपरेशनल अलर्ट की स्थिति में रखा गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक तनाव के कारण शीत युद्ध के बाद पहली बार आने वाले सालों में परमाणु हथियारों का वैश्विक भंडार बढ़ने की आशंका है।

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