डी. गुकेश ने बहुत कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय शतरंज की दुनिया में अपना लोहा मनवा लिया है। आइए जानते हैं उनके बारे में 10 ऐसी बातें, जो बहुत कम लोग जानते हैं:
- 12 साल, 7 महीने और 17 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर
जनवरी 2019 में गुकेश ने 12 साल 7 महीने 17 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर बनकर इतिहास रच दिया था। वे दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने।
- सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन
12 दिसंबर 2024 को गुकेश ने डिंग लिरेन को हराकर विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब जीत लिया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने।
- 7 साल की उम्र में शतरंज की शुरुआत
गुकेश ने शतरंज खेलना 7 साल की उम्र से शुरू किया था और जल्द ही उनकी प्रतिभा सबकी नज़रों में आ गई।
- परिवार का पूरा समर्थन
उनके पिता डॉ. राजिनिकांत ने अपने मेडिकल करियर को विराम दिया ताकि वह बेटे की शतरंज यात्रा में मदद कर सकें। उनकी मां भी उनके साथ लगातार यात्रा और प्रशिक्षण में साथ देती हैं।
- 2022 ओलंपियाड और मैग्नस कार्लसन पर जीत
2022 के Aimchess Rapid टूर्नामेंट में गुकेश ने पहली बार मैग्नस कार्लसन को हराकर इतिहास रचा और सबसे कम उम्र में यह कारनामा करने वाले खिलाड़ी बन गए।
- FIDE रेटिंग में ऐतिहासिक छलांग
मार्च 2025 तक गुकेश की FIDE रेटिंग 2787 हो गई है, जो उन्हें दुनिया के शीर्ष 3 खिलाड़ियों में लाती है।
- 2025 नॉर्वे चेस में मैग्नस कार्लसन को हराया
जून 2025 में गुकेश ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में मैग्नस कार्लसन को हराकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
- अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में लगातार प्रदर्शन
गुकेश ने विश्व स्तर पर कई प्रतिष्ठित टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन कर खुद को एक स्थायी शीर्ष खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।
- विश्वनाथन आनंद से मार्गदर्शन
गुकेश को पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद से मार्गदर्शन मिला है, जिससे उन्हें खेल की गहराइयों को समझने में मदद मिली।
- पढ़ाई और खेल का संतुलन
शतरंज में व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद गुकेश अपनी पढ़ाई में भी अच्छे हैं और दोनों में संतुलन बनाकर चलते हैं।