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खड़गे के अध्यक्ष बनते ही सकते में राजस्थान के बागी विधायक, जयपुर में इंतजार कराया था अब दिल्ली में जाकर मिल रहे

नई दिल्ली में खड़गे से मिलने वाले कई कांग्रेस नेताओं में राजस्थान के मंत्री महेश जोशी और शांति धारीवाल भी शामिल थे। ये वही मंत्री हैं जिन्होंने पिछले महीने जयपुर में खड़गे को कथित तौर पर इंतजार कराया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को पार्टी के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। खड़गे के पार्टी की कमान संभालते ही राजस्थान एक बार फिर से चर्चा में है। राजस्थान के बागी विधायक दिल्ली आकर खड़गे से मुलाकात कर रहे हैं। नई दिल्ली में खड़गे से मिलने वाले कई कांग्रेस नेताओं में राजस्थान के मंत्री महेश जोशी और शांति धारीवाल भी शामिल थे। ये वही मंत्री हैं जिन्होंने पिछले महीने जयपुर में खड़गे को कथित तौर पर इंतजार कराया था और पार्टी की आधिकारिक बैठक में शामिल नहीं हुए थे। ज्ञात हो कि राजस्थान कांग्रेस पिछले महीने एक राजनीतिक संकट का सामना कर रही थी।

पिछले महीने राजस्थान में मचा था बवाल

कांग्रेस नेताओं ने एक बार फिर राजस्थान राजनीतिक संकट के दौरान हुई घटनाओं का हिसाब करने को कहा है। पिछले महीने राजस्थान में कांग्रेस के करीब 90 विधायक पार्टी के विधायक दल की आधिकारिक बैठक में शामिल नहीं हुए थे जिसके बाद पार्टी की राज्य इकाई में बड़ा संकट खड़ा हो गया था। ये सभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के बताए जा रहे हैं। सचिन पायलट को सीएम बनाने से रोकने के लिए इन विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था। ये विधायक गहलोत के विश्वस्त शांति धारीवाल के जयपुर स्थित आवास में एक समानांतर बैठक में शामिल हुए थे। गहलोत तब पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले थे। गहलोत के तीन विश्वस्तों- मंत्री धारीवाल, महेश जोशी और पार्टी के नेता धर्मेंद्र राठौड़ को कांग्रेस आलाकमान ने नोटिस जारी किया था।

खड़गे से मिले बागी विधायक जोशी और धारीवाल

बुधवार को खड़गे को बधाई देने वाले जोशी और धारीवाल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं। लेकिन इसी दौरान ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने ट्विटर पर दोनों की खिंचाई कर दी। उन्होंने लिखा, “हाईकमान के खिलाफ साजिश वाले लोग सबसे पहले हैं जो कांग्रेस के नए अध्यक्ष को बधाई देने दिल्ली गए हैं। संयोग से श्री खड़गे विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने जयपुर भेजे गए पर्यवेक्षकों में एक थे जिन्होंने बाद में अनुशासन समिति को एक लिखित रिपोर्ट सौंपी और जिसके आधार पर नोटिस जारी हुए।”

मदेरणा ने धारीवाल और जोशी की बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “समय का फेर है -मिलने तक नहीं आए खड़गे जी के लाख बुलाने पर, विधायक दल की मीटिंग को बॉयकॉट कर समांतर मीटिंग की और यही मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री प्रतिनिधि बनकर आए तो खड़के जी के सामने शर्त रखी कि जो फैसला होगा वह 19 oct के बाद होगा व हम सिर्फ सोनिया गांधी जी से मिलेंगे।”

पायलट को सीएम बनाना चाहता था आलाकमान!

संयोग से, खड़गे को कांग्रेस आलाकमान द्वारा 25 सितंबर की शाम को बुलाई गई सीएलपी बैठक के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। यह अनुमान लगाया गया था कि बैठक से पायलट के सीएम बनने का मार्ग प्रशस्त होगा क्योंकि गहलोत उस समय कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे थे। लेकिन गहलोत के करीब 90 वफादार विधायकों ने धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद सीएलपी की बैठक नहीं हो सकी।

इस पूरे विवाद के बाद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गांधी परिवार अब गहलोत को मुख्यमंत्री पद पर बनाये रखने को ज्यादा इच्छुक नहीं है, लेकिन वह पायलट से भी पूरी तरह सहमत नहीं है। इस बात की भी संभावना है कि पार्टी राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए गहलोत या पायलट, दोनों में से किसी के भी नाम पर विचार नहीं करे। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और भारतीय जनता पार्टी वहां सत्ता में लौटने की पूरी कोशिश कर रही है।

कुर्सी बचा रहे हैं गहलोत?

कांग्रेस सूत्रों ने यह भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ गहलोत कई बार शामिल हुए हैं और मुख्यमंत्री के गांधी परिवार के साथ अच्छे संबंध कायम हैं। गहलोत शनिवार को कर्नाटक के बेल्लारी में कांग्रेस की रैली में भी उपस्थित थे। हालांकि, इसके उलट एक विचार यह भी है कि प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल, पायलट के साथ काफी सहज हैं, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता और खड़गे के गहलोत के साथ अच्छे समीकरण हैं।

गहलोत ने 17-18 अक्टूबर को गुजरात का दौरा भी किया। वह राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किये गए हैं। वहीं, राजस्थान में पर्दे के पीछे गतिविधियां जारी हैं। विषय में आगे के कदम पर चर्चा के लिए समिति के जल्द ही बैठक करने की संभावना है।

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