Astro Tips for Gold: जिस सोने के पीछे दुनिया पागल, वही सोना पहनना सबके लिए नहीं होता शुभ, जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र

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सोना पहनने से पहले कुंडली में गुरु की स्थिति जान लें। कुछ मामलों में सोना धारण करना आर्थिक नुकसान भी करा सकता है।

Jaipur: सोना हमेशा से एक कीमती धातु रहा है और इसके आभूषण पहनना व्यक्ति की आर्थिक स्थिति का सूचक माना जाता है। महिलाओं को सोने के आभूषण सबसे ज्यादा प्रिय होते हैं। आधुनिक दौर में सोना निवेश के लिए बेहतर माना जाता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में सोना एक धातु है, धन से नहीं। ये संपत्ति से नहीं बल्कि ग्रहों की शुभता से जुड़ा है। ज्योतिष में सोने का संबंध गुरु ग्रह से माना जाता है। इसी तरह चांदी चंद्रमा से और लोहा शनि से संबंधित है। इसलिए सोने के गहने धारण करने से पहले अपनी कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति का ध्यान रखना चाहिए। कुछ मामलों में सोने का शौक नुकसानदेह भी हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र का स्पष्ट मत है कि सोना हर हर किसी के लिए शुभ नहीं होता है। इसलिए आइये जानते हैं कि सोना किसे और कब पहनना चाहिए, ताकि ग्रहों के विपरीत फल ना मिलें।

इनके लिए शुभ है सोना
जिन व्यक्तियों का जन्म मेष, कर्क, सिंह और धनु लग्न या राशि में हुआ है, उनके लिए सोना शुभ धातु है। आप जितना चाहे, उतना सोना धारण कर सकते हैं। अगर कुंडली में गुरु शुभ स्थिति में या उच्च का हो तो सोना पहन सकते हैं। साथ ही अगर गुरु कुंडली में कमजोर स्थिति हैं, तो भी उसे मजबूत करने के लिए सोना पहन सकते हैं। अगल लग्न कमजोर हो, तो गले में सोना पहनने से गुरु ग्रह, लग्न भाव में अपना प्रभाव दिखाता है और उसे मजबूती प्रदान करता है।

इन लोगों के लिए सोना अशुभ
जिनकी लोगों की वृषभ, मिथुन, वृश्चिक और कुंभ लग्न या राशि हो, उन्हें ज्यादा सोना पहनने से बचना चाहिए. गुरु ग्रह के अशुभ स्थिति में होने से मोटापा बढ़ता है। इसलिए मोटापे से परेशान लोगों को सोना पहनने से बचना चाहिए। पेट की समस्याएं भी गुरु से जुड़ी होती हैं। ऐसे में जिन लोगों को अक्सर पेट से संबंधित परेशानी रहती हो, उन लोगों को सोना पहनने से बचना चाहिए।

अगर कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में विराजमान हों, तो सोना धारण करने से बचना चाहिए। आपके लिए लोहे की अंगूठी ज्यादा फलदायक होगी। जिस हाथ में सोने की अंगूठी पहनें, उसमें लोहे का छल्ला या अन्य धातु नहीं धारण करना चाहिए। इससे गुरु का असर कम हो जाता है। गुरु, सूर्य और मंगल से जुड़े रत्न सोने में ही धारण करना चाहिए। गुरु इनके मित्र होते हैं और इनका असर बढ़ाते हैं। यानी पुखराज, माणिक, मूंगा धारण के लिए सोने का ही इस्तेमाल करें।

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