US Default News : दिवालिया होने से बाल-बाल बचा अमेरिका, सीनेट ने पास किया बिल

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अमेरिका दिवालिया होने से बच गया है। अमेरिकी कांग्रेस के बाद अमेरिकी सीनेट ने भी कर्ज की सीमा बढ़ाने वाले बिल को पास कर दिया है। अमेरिकी सीनेट में 63-36 वोटों से यह बिल पास हुआ है। अगर 5 जून तक यह बिल पास नहीं होता तो अमेरिका दिवालिया हो जाता।

नई दिल्ली : अमेरिका दिवालिया होने से बाल-बाल बच गया है। अमेरिकी कांग्रेस के बाद अमेरिका की सीनेट ने भी डेट सीलिंग बिल को पास कर दिया है। यानी अब अमेरिका में कर्ज की सीमा बढ़ जाएगी। अमेरिका में कर्ज की सीमा बढ़ाने के लिए आखिरी तारीख 5 जून थी। अगर इस तारीख तक भी कर्ज की सीमा नहीं बढ़ती तो यह देश दिवालिया हो जाता। वैसे तो कई बार अमेरिका में कर्ज की सीमा बढ़ाई गई है। लेकिन इस बार अमेरिकी संसद से बिल पास कराने में काफी टाइम लग गया। इससे अमेरिकी सरकार की जान हलक में अटक गई थी। अमेरिका में कर्ज की सीमा बढ़ाने के लिए बिल को कांग्रेस और सीनेट द्वारा पास करना जरूरी होता है। इसके बाद अब रास्ट्रपति जो बाइडेन इस बिल पर हस्ताक्षर करेंगे और कर्ज की सीमा बढ़ जाएगी। यह बढ़ी कर्ज की सीमा 2 साल के लिए लागू रहेगी।

63-36 वोटों से पास हुआ बिल
अमेरिकी सीनेट ने 63-36 वोटों से इस फिस्कल रिस्पांसबिलिटी बिल को पास किया है। इसका मतलब है कि बिल के पक्ष में 63 वोट पड़े और विरोध में 36 वोट पड़े। इससे पहले कांग्रेस में दोनों पार्टियों में से अधिकांश सदस्यों ने इस बिल का समर्थन किया था। डेमोक्रेट्स ने इस बिल को 165-46 से सपोर्ट किया। जबकि रिपब्लिकन्स ने इस बिल को 149-71 वोटों से सपोर्ट किया था।

सीमित हो सरकारी खर्च
इस बिल में कर्ज की सीमा को बढ़ाने के साथ ही सरकारी खर्च को सीमित करने का भी प्रस्ताव है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और हाउस स्पीकर केविन मैककॉर्थी के साथ लंबी बातचीत के बाद डेट सीलिंग पर डील पूरी हो पाई है। दोनों नेताओं ने अमेरिका के डिफॉल्ट संकट को टालने के लिए इस बिल को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाइडेन ने कहा कि यह अमेरिका के लिए बड़ी जीत है।

क्या है कर्ज सीमा विवाद
अमेरिका सरकार कानूनी रूप से अपने खर्चों और दायित्वों को पूरा करने के लिए कर्ज लेती है। अमेरिका की संसद ने कानून बनाकर इस कर्ज को लेने की सीमा तय की हुई है, जिसे ऋण सीमा कहा जाता है। अमेरिकी संविधान के अनुसार कांग्रेस (संसद) को सरकारी खर्च को नियंत्रित करने का अधिकार दिया गया है। बिना कांग्रेस की मंजूरी के सरकार तय ऋण सीमा से अधिक कर्ज नहीं ले सकती। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ऋण सीमा को बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे, जिसकी वजह से विवाद बना हुआ था। कर्ज की लिमिट नहीं बढ़ने पर अमेरिका का खजाना खाली हो सकता था, जिससे अमेरिका के दिवालिया होने का खतरा था। इसका ना सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता।

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