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Multiple Sclerosis: यह बीमारी ब्रेन-स्पाइन से लेकर तंत्रिकाओं तक को कर सकती है प्रभावित, लक्षणों पर दें ध्यान

Jaipur: हमारा शरीर, प्राकृतिक रूप से कई बीमारियों को स्वत: ही ठीक कर देता है, इसमें मुख्य योगदान होता है हमारी इम्युनिटी का। हालांकि कुछ मामलों में ये प्रक्रिया हमारे शरीर को ही क्षति पहुंचाना शुरू कर देती है। इसे ऑटोइम्यूमन डिजीज के रूप में जाना जाता है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम, हमारी ही शरीर की स्वास्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है, जिसके कारण कई तरह की बीमारियों के विकास का खतरा हो सकता है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस, ऐसी ही एक बीमारी है जो ब्रेन-स्पाइन से लेकर आंखों की तंत्रिकाओं तक के लिए समस्याकारक हो सकती है।

मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) तब होता है जब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली माइलिन (तंत्रिका कोशिकाओं के आसपास की परत) पर अटैक करने लगती है। इस बाहरी आवरण के बिना, आपकी नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं जिससे मस्तिष्क और आपके शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संचार की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। एमएस एक क्रोनिक यानी लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जिसमें आपको मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और आंखों में ऑप्टिक नसों तक की समस्या हो सकती है। आइए इस समस्या के बारे में जानते हैं।

मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) के बारे में जानिए
मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) की प्रभावित करने वाली बीमारी है। किस व्यक्ति में मल्टीपल स्केलेरोसिस का खतरा हो सकता है, या फिर यह शरीर को किस प्रकार से प्रभावित करेगी इसका अनुमान लगाना कठिन हो सकता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (एनआईएनडीएस) के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में ढाई से साढ़े तीन लाख लोग एमएस के साथ जी रहे हैं। कुछ लोगों में इसके केवल हल्के लक्षण होते हैं। जब मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों के बीच संचार बाधित हो जाता है तो इसके कारण रोगी देखने, लिखने, बोलने या चलने की क्षमता खो सकते हैं।

  • कैसे होते हैं इसके लक्षण?
  • एमएस के लक्षण अक्सर अप्रत्याशित होते हैं। प्रभावित तंत्रिका तंत्र के क्षेत्र के आधार पर रोगी में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।
  • तंत्रिका क्षति के कारण मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है।
  • सुई जैसी चुभन महसूस होना एमएस के शुरुआती लक्षणों में से एक है। यह चेहरे, हाथ और पैरों को प्रभावित कर सकता है।
  • गर्दन को हिलाने पर बिजली के झटके जैसी सनसनी का अनुभव हो सकता है, जिसे लेर्मिट के संकेत के रूप में जाना जाता है।
  • ब्लैडर को खाली करने में कठिनाई या बार-बार या अचानक पेशाब करने की आवश्यकता होना।

क्यों होती है ये दिक्कत
वैज्ञानिक अभी तक यह समझ नहीं सके हैं कि एमएस किन कारणों से होता है। अधिकांश लोगों को 20- 40 वर्ष की आयु के बीच इसका निदान होता है। शोध के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसका जोखिम दोगुना हो सकता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें एमएस विकसित होने की आशंका अधिक होती है। इसके अलावा कुछ अन्य कारणों पर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

ऑटोइम्यून विकार
संक्रामक एजेंट जैसे वायरस का बार-बार संक्रमण
वातावरणीय-जेनेटिक कारक

मल्टीपल स्केलेरोसिस का इलाज और बचाव
एमएस के लिए कोई पुख्ता इलाज नहीं है, लेकिन सहायक उपचार के माध्यम से रोग की प्रगति को धीमा किया जा सकता है। इसमें रोगी की स्थिति के आधार पर दवाइयों से लेकर थेरेपी तक की आवश्यकता हो सकती है। वैसे तो एमएस से बचाव नहीं किया जा सकता है लेकिन अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि धूम्रपान छोड़ना, शरीर के वजन को नियंत्रित बनाए रखना और आहार-धूप के संपर्क से पर्याप्त विटामिन-डी प्राप्त करने से आपके जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, तनाव के स्तर को कम करना और एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन करके आप जोखिमों को कम कर सकते हैं।

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