Home National Delhi Ordinance Bill: अमित शाह ने दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा में किया...

Delhi Ordinance Bill: Amit Shah introduced the Delhi Services Bill in Lok Sabha, the proceedings of the House adjourned till tomorrow

New Delhi: संसद का मानसून सत्र मणिपुर मुद्दे की वजह से अब तक खासा हंगामेदार रहा है। आज भी हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा दोपहर दो बजे तक स्थगित रही। दो बजे के बाद कार्यवाही फिर शुरू हुई और सरकार ने दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा में पेश किया, लेकिन तभी विपक्ष के सांसदों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद तीन बजे तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

सरकार को मिला बीजद का साथ
बीजू जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सस्मित पात्रा कहते हैं कि बीजू जनता दल ने दिल्ली विधेयक (दिल्ली सेवा विधेयक) को पारित करने का समर्थन करने का फैसला किया है और हम विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेंगे। इस संबंध में पार्टी की ओर से तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सांसदों को सदन में उपस्थित रहना होगा और आवश्यक कार्य करना होगा।

सरकार हमें संसद में बोलने नहीं दे रही है: खरगे
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम ये प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार हमें संसद में बोलने नहीं दे रही है। पीएम अन्य मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं लेकिन वह हमें जवाब नहीं दे रहे हैं। पीएम मोदी मणिपुर मुद्दे पर बयान देने को तैयार नहीं हैं, वह संसद में नहीं बोल रहे हैं। वे भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है, लेकिन हम इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पिछले 11 दिनों से इंतजार कर रहे हैं।

दिल्ली सेवा विधेयक संघवाद के लिए खतरनाक
स्थगन के बाद अब फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दिल्ली सेवा विधेयक (गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (संशोधन) विधेयक 2023) का विरोध किया और कहा कि यह विधेयक सहकारी संघवाद के लिए खतरा है।

विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आठ अगस्त से 10 अगस्त तक चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे। बता दें कि विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर संसद में चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है। इसी के लिए विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री संसद में जवाब दें। सरकार के पास बहुमत है, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई परेशानी नहीं होगी।

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