कैमरा चालू किया तो कोई पत्थर नहीं आया तो साफ है कि यह लोगों को डराने की शरारती हरकत है, परिवार के अंधविश्वास को दूर करने के लिए सदस्यों की काउंसलिंग करवाई जाएगी-एसडीओ
बाड़मेर: पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र के उण्डखा गांव में स्थित एक घर में अचानक से आसमान से पत्थर गिर रहे हैं, जिसके बाद हर कोई अचंभित है. खास बात यह है कि यह पत्थर पिछले 3 दिनों से लगातार गिर रहे हैं, जबकि पत्थर फेंकने वाला कोई भी व्यक्ति दिखता नहीं है और जब भी यह पत्थर घर में गिरते हैं तो किसी को भी लगता नहीं है. असलियत जानने के लिए जब घर से भीड़ को दूर किया गया और रिकॉर्डिंग के लिए कैमरा चालू रखा गया, तो कोई पत्थर नहीं गिरा. ऐसे में यह शरारती तत्वों की हरकत भी हो सकती है.
उण्डखा गांव में एक परिवार के लोग 3 दिन से डरे हुए हैं. शनिवार को लगातार तीसरे दिन पत्थर गिरने की सूचना की सदर पुलिस को मिली तो पुलिस अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे. उनके सामने भी आसमान से उस घर में पत्थर गिरे. इसके बाद बाड़मेर के जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने उस घर के आसपास पुलिस तैनात करने के भी आदेश दिए हैं.
कहीं यह कोई दैवीय नाराजगी तो नहीं
परिवार के लोगों का मानना है की हमें नहीं लगता कि कोई व्यक्ति यहां पत्थर गिरा रहा है, बल्कि यह कोई दैवीय नाराजगी दिखती है. वही ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि का कहना है की यहां पत्थर जरूर गिर रहे हैं. इसके लिए इस परिवार को मदद दी जाए और यहां कैमरे लगाकर इस बात का पता लगाया जाए की आखिर पत्थर आ कहां से रहे हैं.
पुलिस पहुंची तो भी पत्थर गिरते मिले
घर में पत्थर गिरने की इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिसकर्मियों को हर वक्त निगरानी रखने और कैमरे लगाकर वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए हैं. इस दरमियान सदर थाना अधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि जब हमें पत्थर गिरने की सूचना मिली तो हम मौके पर पहुंचे और यहां वाकई में पत्थर गिर रहे हैं. अब इस बात का पता जांच के बाद ही लगेगा कि आखिर पत्थर कहां से आ रहे हैं. क्योंकि इसके आस-पास ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां से पत्थर फेंके जाएं.
यह अंधविश्वास है बाकी कुछ नहीं
उन्होंने कहा कि दूर-दूर तक कोई घर भी नहीं है, जहां से भी कोई व्यक्ति पत्थर फेंके. यह वाकई में आश्चर्यचकित कर देने वाली घटना है. वहीं इस मामले में उपखंड अधिकारी समुंद्र सिंह भाटी ने कहा की यह अंधविश्वास है और बाकी कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि परिवार काउंसिलिंग करवाई जाएगी. इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आईं और लोग अंधविश्वास को मानते हैं. उन्होंने कहा कि जब हमने कैमरा चालू रखा तब कोई पत्थर नहीं गिरा. इसका साफ मतलब है की यह अंधविश्वास है और लोगों में डर पैदा करने की शरारती हरकत है.