Rajasthan: विधानसभा चुनावों से पहले वसुंधरा राजे ने कोटा में बड़ी सभा कर दिखाई ताकत, हाड़ौती के कई दिग्गज रहे उपस्थित

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वसुंधरा राजे ने केन्द्र सरकार की योजनाओं को गिनाते हुए पहले विधानसभा में जीत का आशीर्वाद मांगा तो लोकसभा चुनाव जीतने का मंत्र भी दिया.

Jaipur: राजस्थान में चुनावी शंखनाद के साथ ही राजनैतिक गलियारे में हलचल शुरू हो गई है. कांग्रेस अपनी योजनाओं के नाम पर आम जनता को साधने का प्रयास कर रही है तो बीजेपी पूरी ताकत से सरकार की नाकामी गिना रही है. ऐसे में राजस्थान में चुनावी रण शुरू हो चुका है. कोटा में हुई रैली में भले ही बड़े नेताओं ने किनारा किया हो लेकिन महारैली कोटा की धरा से प्रदेश को कई संदेश दे गई.

वसुंधरा राजे ने पुराने नेताओं को याद कर उन्हें प्रणाम किया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता से अपना उद्बोधन शुरू किया औऱ उन्हीं की कविता पर समाप्त भी किया. इसके भी मायने निकाले जा रहे हैं कि आप पुरानों को नजर अंदाज नहीं कर सकते और हर किसी को साथ लेना ही होगा.

अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा’
चम्बल की धरा पर वसुंधरा ने कई कविताओं का समावेश अपने भाषण में किया, जिसमें उन्होंने कहा- ‘मैं अपनी बात इन पंक्तियों से शुरू करना चाहती हूं. आओ फिर से दीया जलाएं, भरी दुपहरी में अंधियारा, सूरज परछाई से हारा अंतर तम का नेह निचोड़ें, बुझी हुई बाती सुलगाएं, आओ फिर से दिया जलाएं. आओ फिर से कमल खिलाएं. अटल जी की इस कविता में एक लाइन मैंने जोड़ी है- आओ फिर से कमल खिलाएं, क्योंकि अब कमल खिलाने का वक्त आ गया है.’

वसुंधरा राजे ने पढ़ी एक कार्यकर्ता द्वारा भेजी कविता
वसुंधरा राजे ने एक कार्यकर्ता द्वारा भेजी कविता को भी मंच से पढ़ा. उन्होंने कहा कि हाड़ौती वासियों को दो पंक्तिया समर्पित, जो मुझे एक कार्यकर्ता ने भेजी है. यह कोंग्रेस पर है. यहां शक्ति और साहस की, घर-घर अलग कहानी है, क्रांति की मशाल लिए यहां पग-पग एक जवानी है. चट्टानों को चीर कर रख दे, इसकी अजब रवानी है, ऐ सियासत भूल न जाना, यह चम्बल का पानी है. ऐ सियासत भूल न जाना, यह चम्बल का पानी है. इसलिए चंबल की धरा से विजय का संकल्प ले कर जाएं कि हमें बीजेपी की सरकार बनानी है.

‘2024 में फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है’
वसुंधरा राजे ने केन्द्र सरकार की योजनाओं को गिनाते हुए पहले विधानसभा में जीत का आशीर्वाद मांगा तो लोकसभा चुनाव जीतने का मंत्र भी दिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाद 2024 में फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है और देश को विश्व का सिरमौर बनाना है. अंत में अटल जी की दो पंक्तियां- अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा बोलकर अपनी बात को पूरा किया.

महारैली में ये लोग रहे उपस्थित
झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह, कार्यक्रम के आयोजक पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, पूर्व विधायक भवानी सिंह, लाडपुरा विधायक कल्पना देवी, पूर्व विधायक विद्या शंकर नंदवाना, विधायक नरेंद्र नागर, विधायक कालू मेघवाल,विधायक गोविंद रानी पुरिया, पूर्व मंत्री बाबू लाल वर्मा, छबडा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, पूर्व मंत्री श्री चंद कृपलानी, पूर्व सांसद गोपाल पचेरवाल, पूर्व सांसद राम नारायण डूडी, विधायक कन्हैया लाल चौधरी, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा,भाजपा नेता रूपेश शर्मा, ब्रजेश शर्मा नीटू, पूर्व मंत्री बंशी धर बाजिÞया,पूर्व आरपीएससी चेयरमेन श्याम शर्मा, पूर्व विधायक कंवर लाल मीणा, पूर्व मंत्री अर्जुन गर्ग. विधायक कन्हैया लाल चौधरी भी मौजूद थे.

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