Taiwan Conflict: चीन पर शिकंजा कसने की तैयारी में अमेरिका, फिलिपिंस से लिए चार मिलिट्री बेस

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अमेरिका ने चीन को काबू में रखने के लिए फिलिपिंस के साथ बड़ी डील की है. यहां अमेरिका सेना को ऐसे चार और एयरबेस मिले हैं, जो चीन को कांटर में करने में बड़ी भूमिका अदा कर सकती है.

नई दिल्ली: चीन पर नकेल कसने के लिए अमेरिका और फिलिपिंस ने बड़े कदम उठाए हैं. फिलिपिनो सरकार ने अमेरिका को ऐसे चार एयर बेस दिए हैं, जिससे चीन को काउंटर करने में आसानी होगी. इसके लिए अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन मनीला पहुंचे थे, जहां आधिकारिक रूप से चार सैन्य ठिकाने अमेरिका को सौंपी गई. इन मिलिट्री बेस पर 2014 से काम चल रहा था, जब अमेरिका-फिलिपिंस ने पांच मिलिट्री बेस स्थापित करने का फैसला किया था.

ईडीसीए यानी एनहांस्ड डिफेंस को-ऑपरेशन एग्रीमेंट के तहत अमेरिका ने फिलिपिंस के अलग-अलग हिस्सों में मिलिट्री बेस स्थापित करने की योजना बनाई थी. ईडीसीए फिलिपिंस के लिए काफी मायने रखता है, जिसमें सैनिकों की ट्रेनिंग, एक्सरसाइज और दोनों सेनाओं में बेहतर कम्युनिकेशन स्थापित करना शामिल है. हालांकि इस मिलिट्री बेस के लोकेशन पर ज्यादा खुलासा नहीं किया गया है. यह भी साफ नहीं है कि इनमें अमेरिकी सेना किस सैन्य बेस पर तैनात होंगी.

चीन को काउंटर करने के लिए अमेरिका के पास हैं ये पांच एयर बेस
ईडीसीए के तहत, पहले पांच मिलिट्री बेस बनाए गए थे, जिसमें सेसर बसा एयर बेस, फोर्ट मेगसेसे मिलिट्री रिजर्वेशन, ल्यूंबा एयर बेस, एंटोनियो बौतिस्ता एयर बेस, मैक्टन बेनिटो एब्यूवेन एयर बेस शामिल हैं. हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने कहा था कि अमेरिका फिलिपिंस में चीन को ध्यान रखते हुए मिलिट्री बेस पर काम कर रहा है. अमेरिका खासतौर पर चीन को निशाना बनाने के लिए इंडो-पैसिफिक में कई देशों के साथ बड़े डील कर रहा है.

ताईवान को सुरक्षा देना अमेरिका के लिए आसान
अमेरिक ने हाल ही में भारत के साथ कई आधुनिक टेक्नोलॉजी साझा की है, और अब अमेरिकी रक्षा विभाग का जापानी आईसलैंड पर यूएस मरीन यूनिट को तैनात करने की योजना बनाई है. फिलिपिंस में नया मिलिट्री बेस अमेरिका के लिए काफी अहम है. मसलन दक्षिण चीन सागर में खासतौर पर चीनी अक्रामकता को काउंटर करने में मदद मिलेगी. इससे अमेरिका को ताईवान को भी बचाना आसान होगा, जिसपर विस्तारवादी चीन अपना दावा करता है.

चीन करता है दक्षिण चीन सागर और ताईवान पर दावा
इनके अलावा चीन दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्रों पर भी अपना हक जमाने की कोशिश करता है. वहीं अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन मानता है और चीन को नसीहत देता रहा है कि वह अपने इस तरह के उकसावे वाली बयानबाजी से बाज आए. 2016 में परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने 2016 में अपने एक फैसले में चीन के दक्षिण चीन सागर पर दावे को खारिज किया था.

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