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सम्मेद शिखर: झारखंड सरकार के खिलाफ पूरे देश में जैन सड़कों पर, जयपुर में अनशन पर बैठे जैन मुनि का निधन

सम्मेद शिखर जी को टूरिस्ट प्लेस बनाए जाने की घोषणा के बाद से ही जैन समाज इसका विरोध कर रहे हैं। इसी के विरोध में जयपुर के जैन मंदिर में मुनि सुज्ञयसागर नौ दिनों से आमरण अनशन पर बैठे थे।

जयपुर: जयपुर के सांगानेर स्थित जैन समाज के मंदिर में सम्मेद शिखर को बचाने के लिए मुनि सुज्ञयसागर अनशन पर बैठ गए थे। नौ दिनों बाद यानी मंगलवार को मुनि सुज्ञयसागर का निधन हो गया। मुनि सुज्ञयसागर को सांगानेर में श्रमण संस्कृति संस्थान में समाधि दी जाएगी। अखिल भारतीय जैन बैंकर्स फोरम के अध्यक्ष भागचन्द्र जैन ने बताया कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के बाद से मुनी ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था। उन्होंने सम्मेद शिखर को बचाने के लिए बलिदान दिया है। मुनीश्री सम्मेद शिखर से भी जुड़े हुए थे। इन्हें सांगानेर में श्रमण संस्कृति संस्थान में समाधि दी जाएगी।

बता दें कि झारखंड के गिरिडीह जिले में अवस्थित पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। पारसनाथ पहाड़ी दुनिया भर के जैन धर्मावलंबियों के बीच सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखरजी के रूप में विख्यात है। राजस्थान के टोंक में भी सोमवार को जैन समाज के लोगों ने सोमवार देर शाम को कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च में सैकड़ों लोग हाथों में ‘सम्मेद शिखर बचाओ के स्लोगन’ लिखी तख्तियां लिए नजर आए। खास बात रही कि इस मार्च में सर्व समाज के लोग भी शामिल हुए। जैन समाज के लोगों ने सम्मेद शिखर को जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग की। उन्होंने मांग नहीं मानने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

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