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गहलोत को बसपा विधायकों ने दिखाए तेवर, फिर सियासी संकट के आसार, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बोले- समर्थन को लेकर आगे सोचना पड़ेगा

राजस्थान में पायलट कैंप की बगावत के समय सीएम गहलोत का साथ देने वाले बसपा विधायकों की नाराजगी बरकरार है। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि समर्थन देने पर फिर से सोचना होगा। हमारे वादें पूरे नहीं किए।

राजस्थान में गहलोत सरकार पर एक बार फिर सियासी संकट मंडरा रहा है। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों ने वादा पूरा नहीं करने पर नाराजगी जताई है। इन सभी विधायकों ने पायलट कैंप की बगावत के समय सीएम गहलोत का साथ दिया था। बसपा से कांग्रेस में शामिल होकर मंत्री बने राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस पर उनके वादें पूरे नहीं करने का आरोप लगाया है।

सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हमारे साथ किया गया कमिटमेंट पूरा नहीं हुआ है।  पिछली बार 6 बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में से, 3 विधायकों को संसदीय सचिव और 3 विधायकों को मंत्री बनाया गया था। इस बार भी उम्मीद थी कि विधायकों को सरकार का साथ देने के लिए एडजस्ट किये जाने का कमिटमेंट पूरा हो जाएगा। लेकिन इस बार हमारे साथ किया गया कमिटमेंट पूरा नहीं हुआ। हमारे साथी वाजिब अली और संदीप यादव को तो सरकार में कोई हिस्सेदारी दी ही नहीं गई और लाखन मीणा को राजनीतिक नियुक्ति तो दी लेकिन न उन्हें गाड़ी मिली न स्टाफ और न ही ऑफिस। हमारे साथियों को इस बात का भी भरोसा नहीं है कि आने वाले टाइम में इनका टिकट होगा या नहीं। 

सुरजेवाला ने कमिटमेंट पूरा नहीं किया 

मंत्री राजेद्र गुढ़ा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुकुल वासनिक और सुरजेवाला ने हमसे यह कमिटमेंट किया था कि वह हमें राहुल गांधी ,सोनिया गांधी से मिलवा कर हमारी टिकट के लिए बात करवा देंगे, लेकिन मंत्री बनवाना तो दूर इस बार तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी से बात करवाने के वादे का भी कमिटमेंट पूरा नहीं किया। जिसके चलते पहले से मंत्री नहीं बनाए जाने पर जो अविश्वास हमारे साथियों में है वो अब और बढ़ गया है। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हम कमिटमेंट पूरे नहीं होने को लेकर चिंतित भी हैं ओर अगर यह कमिटमेंट पूरे नहीं होते हैं तो फिर हमें सरकार को दिए गए समर्थन को लेकर आगे सोचना भी पड़ेगा। क्योंकि चुनाव सामने आ रहे हैं ऐसे में हम चाहते हैं कि टिकट को लेकर बातें क्लियर हो जाए कि कौन कहां रहेगा और कैसे रहेगा? यही बात असुरक्षा की भावना पैदा कर रहा है।

खुद को कांग्रेसी नहीं बताने पर बदले सुर 

कुछ दिनों पहले खुद को कांग्रेस कल्चर का नहीं बताने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के आज सुर कुछ बदले हुए नजर आए। गुढ़ा ने कहा कि अब हम कांग्रेसी है। पार्टी करेगी वो ठीक होगा। जब राजेंद्र गुड्डा से यह पूछा गया कि अगर प्रदेश में सत्ता को लेकर कोई परिवर्तन होता है तो वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ रहेंगे या कांग्रेस के साथ? तो उन्होंने साफ किया की मैं अभी सत्ता परिवर्तन को लेकर ज्यादा दिमाग नहीं लगा रहा ,न ही हमें यह पता कि सत्ता और संगठन में क्या बदलाव होगा? अभी तो मुझे खुद नहीं पता कि ऐसी परिस्थितियों में मुझे क्या फैसला करना होगा. साथियों के साथ बैठेंगे और निर्णय करेंगे लेकिन अभी तो स्थितियां ठीक नहीं है.

उन्होंने यह बात जरूर साफ कर दी है कि वह अब कांग्रेसी हैं और कांग्रेस जो करेगी वह ठीक होगा। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती वह शिक्षित बेरोजगार हैं, जो बेरोजगार घूम रहा हैं। शिक्षित बेरोजगारों की समस्या को लेकर न तो पिछली भाजपा सरकार ने कुछ किया और न ही वर्तमान सरकार ने, ऐसे में शिक्षित बेरोजगारों का ऊंट किस करवट बैठेगा उसी और सत्ता होगी। यही शिक्षित बेरोजगार सरकार के रिपीट होने में सबसे बड़ी बाधा हैं।

गोलमा देवी की शिकायत सीएम तक पहुंचा दूंगा 

राजस्थान में भ्रष्टाचार पर बोलने के लिए अगर कोई फिट आदमी है तो उसका नाम भरत सिंह कुंदनपुर है. बाकी लोगों के बारे में मैं नहीं बोल सकता। मंत्री रमेश मीणा को कैबिनेट मंत्री और उन्हें राज्यमंत्री बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कब क्या हो जाए इसे लेकर कहा नहीं जा सकता। कभी मैं रमेश मीणा का सीनियर था अब वह मेरे सीनियर हो गए हैं। यह सब राजनीति में चलता रहता है, सीनियर जूनियर की कोई बात नहीं है। गोलमा देवी आई थीं लिखित में अपनी शिकायत भी देकर गई हैं जो मैं मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगा। लेकिन मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह अगर कोई बात कहते हैं तो वह समझ में आती है क्योंकि भरत सिंह 100% इमानदारी पर बोलने का अधिकार रखते हैं। 

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