अडानी समूह ने जनवरी महीने में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब जाकर फंड जुटाने की योजनाओं को तेज किया है. रिपोर्ट के बाद कंपनी के कारोबारी तरीके में बदलाव आया है
नई दिल्ली: भारत के प्रमुख कारोबारियों में से एक गौतम अडानी जल्दी ही अपनी तीन कंपनियों की कुछ हिस्सेदारी बेचने वाले हैं. दरअसल गौतम अडानी का अडानी समूह जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब फंडिंग जुटाने के प्रयासों को तेज कर रहा है. इसके तहत अब अडानी समूह की योजना 3.5 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाने की है.
दो कंपनियों को मिल गई मंजूरी
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडानी फंडिंग जुटाने की ताजी योजना के तहत समूह की तीन कंपनियों के शेयर बेच सकते हैं. ये शेयर संस्थागत निवेशकों को बेचे जा सकते हैं, जिससे समूह को साढ़े तीन बिलियन डॉलर तक की फंडिंग मिल सकती है. समूह की योजना के हिसाब से दो कंपनियों के बोर्ड ने पहले ही पूंजी जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी है.
यहां से आएंगे 2.5 अरब डॉलर
अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की योजना 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की है, जबकि दूसरी कंपनी अडानी ट्रांसमिशन 8,500 करोड़ रुपये जुटाएगी. इस तरह से समूह कुल 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है. इस संबंध में दोनों कंपनियों के बोर्ड की बैठक पिछले महीने 13 मई को हुई थी, जिसमें फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दी गई थी. इस तरह ये दो कंपनियां मिलकर 2.5 अरब डॉलर (21,000 करोड़ रुपये) जुटाने जा रही हैं.
यह कंपनी भी जुटाएगी फंड
इनके अलावा अडानी की तीसरी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड भी जल्दी ही फंड जुटाने की योजना पर मुहर लगा सकती है. अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के निदेशक मंडल की इस संबंध में जल्दी ही बैठक होने वाली है. पीटीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह बैठक जून के पहले या दूसरे सप्ताह में हो सकती है. पहले यह बैठक भी 13 मई को ही होने वाली थी, लेकिन तब कंपनी ने बताया था कि कुछ आकस्मिक कारणों से बैठक टाल दी गई है.
सितंबर तक पूरी होगी प्रक्रिया
इस तरह अडानी समूह की तीन कंपनियां अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड मिलकर 3.5 बिलियन डॉलर तक जुटा सकती है. समूह इस फंडिंग से प्राप्त होने वाली रकम का इस्तेमाल अपनी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने में करेगी. बताया जा रहा है कि तीनों कंपनियों की फंडिंग की यह प्रक्रिया दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के दौरान पूरी हो सकती है. अडानी समूह की इस योजना में यूरोप और पश्चिम एशिया के कुछ निवेशक काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
एफपीओ के बाद पहला प्रयास
आपको बता दें कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी समूह की फंड जुटाने की यह पहली योजना है. इससे पहले फरवरी में फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ आया था, जिससे समूह ने 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने का प्रयास किया था, लेकिन रिपोर्ट के चलते खराब हुए हालात में समूह ने एफपीओ को पूरी तरह से सब्सक्राइब होने के बाद भी वापस ले लिया था. उसके बाद समूह अब फिर से फंड जुटाने की कोशिश में है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते अडानी की कंपनियों को बाजार पूंजीकरण के मामले में करीब 100 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ गया था.