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US-China Conflict Over Taiwan: अमेरिकी युद्धपोत पहुंचा ताइवान तो भड़का चीन, चीन ने दी देख लेने की धमकी

चीन के रक्षा मंत्री ने रविवार को एक बड़ा बयान दिया है। सिंगापुर में दुनिया के कुछ टॉप रक्षा अधिकारियों की मीटिंग में मौजूद चीनी रक्षा मंत्री ताइवान स्ट्रेट को पार करने वाले एक अमेरिकी विध्वंसक और कनाडाई फ्रिगेट के रास्ते में एक युद्धपोत के गुजरने का बचाव किया।

सिंगापुर: चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफु ने ताइवान जलडमरूमध्य में उसके एक जंगी जहाज के अमेरिका के विध्वंसक पोत और कनाडा के फ्रिगेट (युद्धपोत) के रास्ते में आने पर रविवार को बयान दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि शिपिंग की आजादी के नाम पर ऐसी गश्त बीजिंग के लिए उकसावे वाली कार्रवाई है। मार्च में रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद से अपने पहले अंतरराष्ट्रीय संबोधन में शांगफु ने सिंगापुर में शांगरी-ला संवाद में दुनिया के शीर्ष रक्षा अधिकारियों से कहा कि चीन को बिना किसी दुर्भावना के किसी पोत के गुजरने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन ‘‘हमें शिपिंग की ऐसी स्वतंत्रता (गश्त) का इस्तेमाल करने की कोशिशों को रोकना होगा।’’

दादागिरी का जवाब देंगे
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा था कि वाशिंगटन चीन की दादागिरी या जबरदस्ती के आगे नहीं झुकेगा। उन्‍होंने कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य तथा दक्षिण चीन सागर में उसके पोत नियमित रूप से गुजरेंगे और उसके विमान नियमित रूप से उड़ान भरेंगे, ताकि इस क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र होने के तथ्य पर जोर दिया जा सके। चीन के एक युद्धपोत ने स्व-शासित द्वीप ताइवान के बीच से गुजर रहे अमेरिका के एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक और कनाडा के एक फ्रिगेट का पीछा किया था।

चीन करता है अपना दावा
चीन इस स्व-शासित द्वीप पर अपना दावा जताता है। शांगफु ने दावा किया था कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने ताइवान जलडमरूमध्यम में खतरा पैदा किया, जबकि इसके बजाय उन्हें अपने वायु क्षेत्र और जल क्षेत्र की अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए।’’ उन्होंने एक दुभाषिये के माध्यम से कहा, ‘‘वहां आने का क्या मतलब है? चीन में हम हमेशा कहते हैं, अपने काम से मतलब रखो। यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब पिछले दिनों चीन ने ताइवान के साथ एक व्‍यापार संधि को लेकर अमेरिका की आलोचना की थी।

चीनी विदेश मंत्रालय का बयान
चीन ने पिछले हफ्ते उससे स्वशासित द्वीप के साथ आधिकारिक संपर्क बंद करने को कहा। उच्च तकनीक उद्योग के लिए एक वैश्विक केंद्र इस द्वीप के पास लड़ाकू जेट विमानों और बमवर्षकों को उड़ाकर ताइवान को डराने के चीनी प्रयासों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना है। अमेरिकी और यूरोपीय राजनेताओं ने ताइवान में चुनी हुई सरकार के समर्थन में वहां का दौरा किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने वाशिंगटन पर ताइवान की स्थिति पर समझौतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जो 1949 में गृहयुद्ध के बाद मुख्य भूमि से अलग हो गया था। अमेरिका के ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध नहीं हैं, लेकिन व्यापक अनौपचारिक संबंध और अरबों डॉलर का वार्षिक कारोबार है।

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