ईरान और अफगानिस्तान के बीच जंग छिड़ गई है. तालिबान के एक प्रवक्ता और ईरान के राज्य मीडिया ने शनिवार को कहा कि ईरान और अफगानिस्तान के बीच एक सीमा चौकी के पास गोली लगने से दो ईरानी सीमा रक्षकों और एक तालिबान लड़ाके की मौत हो गई. हेलमंद नदी के पानी पर अधिकार को लेकर विवाद जारी है.
नई दिल्ली: ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘आईआरएनए’ ने देश के उप पुलिस प्रमुख जनरल कासिम रेजाई के हवाले से कहा कि तालिबान ने ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत तथा अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत की सीमा पर शनिवार सुबह गोलीबारी शुरू कर दी. समाचार एजेंसी के मुताबिक, गोलाबारी में ‘कई लोग हताहत हुए हैं और संपत्ति को गंभीर नुकसान भी पहुंचा है.’ न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार ईरान ने अफगानिस्तान के तालिबान शासकों पर हेलमंद नदी से ईरान के सूखे पूर्वी क्षेत्रों में पानी के प्रवाह को प्रतिबंधित करके 1973 की संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. हालांकि तालिबान ने इस आरोप से इनकार किया है.
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने ईरान पर गोलीबारी की शुरुआत करने का आरोप लगाया. ताकोर ने बताया कि गोलीबारी में कुछ अन्य घायल हो गए. उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है. वहीं ईरान सरकार ने कहा है कि गोलीबारी में ईरान का कोई सुरक्षाकर्मी हताहत नहीं हुआ है. हालांकि, अखबार ‘तेहरान टाइम्स’ ने कहा है कि गोलीबारी में तीन ईरानी सीमा रक्षकों की मौत हो गई.
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने तालिबान को हेलमंद नदी पर ईरान के जल क्षेत्र के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करने की चेतावनी दी थी. रईसी की टिप्पणी ईरान में पानी के बारे में लंबे समय से जारी चिंताओं पर सबसे तीखी टिप्पणी थी. इस बीच, अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने हेलमंद नदी के पानी के अधिकार पर चर्चा करने के लिए अफगानिस्तान में एक ईरानी दूत से मुलाकात की.
इससे पहले मई की शुरुआत में, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने 1973 की संधि के तहत ईरान के जल अधिकारों की अवहेलना करने पर तालिबान को चेतावनी दी थी. तालिबान ने रईसी के कथित खतरे को खारिज कर दिया, तालिबान के एक पूर्व अधिकारी ने वायरल हुए एक वीडियो में मजाक भी उड़ाया था