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Quran Burning in Sweden: UN में भारत ने दिया पाकिस्तान का साथ, स्वीडन में कुरान जलाने के खिलाफ पेश हुए प्रस्ताव का किया समर्थन

स्वीडन में पवित्र ग्रंथ कुरान जलाने के मामले को मुस्लिम देशों ने बेहद ही गंभीरता से लिया है.पाकिस्तान ने यूएन में इसके खिलाफ एक प्रस्ताव की अगुवाई की. जिसका भारत ने समर्थन किया है.

नई दिल्ली: स्वीडन में पवित्र कुरान जलाने की घटना पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने भी इस घटना की निंदा की है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में धार्मिक घृणा से जुड़ा एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसपर कई देशों ने असहमति भी जताई है. हालांकि अधिकांश देशों ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव का समर्थन भी किया है.

ख़ास बात यह है कि पाकिस्तान के प्रस्ताव को समर्थन देने वाले देशों में भारत भी शामिल है. भारत ने भी पाकिस्तान के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. इसके साथ ही धार्मिक घृणा से जुड़े इस ड्राफ्ट प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी गई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने जानकारी देते हुए बताया कि 57 इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी (OIC) की ओर से पाकिस्तान ने मसौदा प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसमें स्वीडन समेत कई घटनाओं का जिक्र है, जिनकी निंदा की गई है.

12 देशों ने प्रस्ताव का किया विरोध
अर्जेंटीना, चीन, क्यूबा, ​​​​भारत, दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन और वियतनाम समेत कुल 28 देशों ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव का समर्थन किया. वहीं 12 देशों ने इस प्रस्ताव को लेकर अपना विरोध जताया. प्रस्ताव का विरोध करने वाले देशों की लिस्ट में अमेरिका, यूके, फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, रोमानिया, लिथुआनिया, कोस्टा रीका और फिनलैंड समेत 12 देश हैं.

गौरतलब है कि UNHRC में कुल 47 सदस्य हैं. जिनमें ओआईसी (OIC) के सिर्फ 19 देश हैं. जिन्होंने खुले तौर पर प्रस्ताव का समर्थन किया लेकिन नेपाल समेत सात देश ऐसे भी थे जिन्होंने मतदान से दूरी बनाये रखा.

क्या था पूरा मामला
गौरतलब है पिछले महीने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक शख्स ने मस्जिद के सामने पवित्र कुरान का अपमान किया था. सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हुआ था. सभी इस्लामिक देशों के साथ यूरोपीय संघ, पोप फ्रांसिस और खुद स्वीडन की सरकार ने इस घटना की निंदा की थी.

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