Health Tips: क्या आप भी अपने बच्चे को भर-भरकर लगाते हैं काजल, तो हो जाएं सावधान, इसके हैं हानिकारक प्रभाव, जानिए

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आपने अक्सर छोटे बच्चों को आंखों में ढेर सारा काजल लगाए हुए देखा होगा। कई बार माता-पिता बच्चों की आंखों को सूरज की किरणों से बचाने या बुरी नजर से बचाने के लिए उन्हें काजल लगाते हैं। हालांकि बाजार से खरीदे गए काजल का इस्तेमाल आपके बच्चों के लिए हानकिारक हो सकता है। जानते हैं इसके साइड इफेक्टस और घर पर काजल बनाने का तरीका

नई दिल्ली: भारत अपनी विविध संस्कृति और परंपराओं के लिए दुनियाभर में काफी मशहूर है। यहां की अपनी अलग मान्यता और आस्था है, जिसे कई लोग पूरे मन से मानते हैं। इन्हीं मान्यताओं में से है नवजात बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए काजल लगाना। यहां छोटे से ही बच्चों को काजल लगाना बेहद आम बात है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि काजल बच्चों की आंखों की रक्षा करने और उन्हें पोषण देने में मदद करता है।

पुराने समय में काजल को मूल रूप से घर पर दिए से बनी कालिख को घी या अरंडी के तेल के साथ मिलाकर तैयार किया जाता था। हालांकि, बदलते समय के साथ लोगों ने बाजार में मिलने वाले रेडीमेड काजलों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, खरीदे गए काजल में जहरीली मात्रा में सीसा यानी लेड होता है और यह आपके बच्चे के लिए असुरक्षित है।

काजल लगाना असुरक्षित क्यों है?
फूड एंड ड्रग एडमिस्ट्रेशन के मुताबिक, लेड जिसका उपयोग लेड सल्फाइड के रूप में किया जाता है, सामान्य काजल उत्पादों में 50 प्रतिशत से अधिक शामिल होता है। डॉक्टरों की मानें तो सीसा बेहद जहरीला होता है और इससे निम्न नुकसान हो सकते हैं:

  • मस्तिष्क को नुकसान
  • किडनी को नुकसान
  • बोन मैरो को नुकसान
  • कोमा
  • शिशु की मृत्यु
  • रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों ने अतीत में काजल के उपयोग के कारण शिशुओं की मृत्यु के दो मामले दर्ज किए हैं। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि मुंह, सांस या त्वचा के जरिए बेहद कम मात्रा में भी लेड के संपर्क में आना बच्चों मस्तिष्क के विकास के लिए हानिकारक हो सकता है और इससे टॉक्सिसिटी का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में घर पर बनाया गया नेचुरल काजल बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।

घर पर खुद बनाएं नेचुरल काजल
शोध के अनुसार, काजल को आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियों जैसे एलिसिप्टा अल्बा और वर्नोनिया सेरेनिया से सुरक्षित रूप से बनाया जा सकता है। घर पर बनाया गया यह काजल बच्चों के लिए एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है। अगर आप नवजात बच्चों को काजल लगाने की परंपरा को बनाए रखना चाहते हैं, तो इस तरीके से घर पर ही उनके लिए काजल बना सकते हैं।

  • अरंडी के तेल वाली दीपक की बाती
  • 3-4 बादाम
  • घी
  • ऐसे बनाएं काजल
  • काजल बनाने से पहले किसी भी कीटाणु से बचने के लिए अपने हाथ अच्छी तरह धो लें।
  • इसके बाद दीपक जलाएं और लौ में एक बादाम रखें।
  • जैसे ही बादाम जलेंगे, प्लेट के नीचे की तरफ कालिख जमा हो जाएगी।
  • अब इस कालिख को खुरच कर एकत्र कर लें और एक जार में जमा कर लें।
  • इसके बाद इसमें घी की कुछ बूंदें मिलाएं।
  • बस तैयार है घर पर बना नेचुरल काजल।


डॉक्टरों का कहना है, अगर आंखों में कोई जलन हो, या कोई अन्य लक्षण जैसे लालिमा, सूजन, बलगम निकलना या अत्यधिक आंसू, तो तुरंत किसी स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करें।

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