Home Rajasthan राजस्थान में धूमधाम से मनाई जा रही गणगौर: जोधपुर में 700 महिलाओं...

राजस्थान में धूमधाम से मनाई जा रही गणगौर: जोधपुर में 700 महिलाओं ने एक साथ की पूजा, जयपुर में निकलेगी सवारी

राजस्थान में आज धूमधाम से गणगौर मनाई जा रही है। जगह-जगह गणगौर मां की सवारी निकाली जा रही है। जयपुर, जोधपुर में पारंपरिक तरीके से पर्व मनाया जा रहा है। इसमें सबसे खास रहेगी जयपुर में शाम को निकलने वाली गणगौर की सवारी। वहीं, इससे पहले जोधपुर में 700 महिलाओं ने एक साथ गणगौर पूजन किया।

जोधपुर: रातानाडा में महिलाओं ने गवर माता का सामूहिक पूजन किया। इसमें 700 से अधिक महिलाएं शामिल हुईं। इन महिलाओं के लिए खास तौर पर पूजन की व्यवस्था की गई। इसमें रंग-बिरंगे परिधान पहने हुए महिलाएं गहनों से सज संवर कर और सोलह सिंगार कर पहुंचीं। महिलाओं ने गणगौर माता के गीत भी गाए। जमकर नृत्य भी किया। बता दें कि गणगौर एक ऐसा पर्व है, जो हर महिला मनाती है। इसमें कुंवारी कन्या से लेकर, शादीशुदा महिला भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन करती हैं। ऐसा माना जाता है कि शादी के बाद पहला गणगौर पूजन मायके में किया जाता है।

जयपुर में राजसी ठाठ से निकलेगी सवारी
जयपुर की परंपरा को निभाते हुए राजसी ठाठ से निकलने वाली इस सवारी को देखने के लिए विदेशी सैलानियों का उत्साह नजर आ रहा है। दुनियाभर के अलग-अलग देशों से लोग सिर्फ जयपुर की गणगौर की सवारी देखने आए हैं। इसकी शुरुआत में सबसे पहले जयपुर पूर्व राजपरिवार के सदस्य सिटी पैलेस में गणगौर की पूजा करेंगे। इसके बाद त्रिपोलिया गेट से इसकी शुरुआत होगी। जहां टूरिस्ट्स के साथ आमजन इसका लुत्फ उठा सकेंगे।

पर्यटन विभाग ने भी इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया- विदेशी सैलानियों के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने स्थित हिंद होटल की छत पर इंतजाम किए गए हैं। यहां पर वीआईपी लॉउंज में पर्यटकों के लिए जयपुर के घेवर भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। शेखावत के अनुसार 24 और 25 मार्च को दोनों दिन शाम 5:45 जनानी ड्योढ़ी से गणगौर की सवारी निकलेगी। प्रदेश भर से 100 से अधिक लोक कलाकार इसमें प्रस्तुति दे रहे हैं। इनमें कच्ची घोड़ी, मयूर नृत्य, अलगोजावादक, कालबेलिया नृतकों के समूह, बहुरुपिया कलाकार, मांगणियार और तेरहताली की प्रस्तुतियां टूरिस्ट्स को सबसे अट्रेक्ट करने वाली हैं।

शोभायात्रा में पारंपरिक तोप धारक वाहन, सजे हुए रथ, सजे-धजे घोड़े और ऊंटों का लवाजमा शामिल होगा। गणगौर की सवारी के अंत में ढाल धारी चोबदार और पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं चलती नजर आएंगी। राजस्थानी परंपरागत नृत्य और कच्छी घोड़ी, कालबेलिया नृत्य बहुरुपिया कला, गेर और चकरी सहित अन्य मनोरंजक कार्यक्रम स्थानीय श्रद्धालुओं और देशी-विदेशी पावणों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

शनिवार को निकलेगी बूढ़ी गणगौर की सवारी
परंपरागत रूप से निकलने वाली बूढ़ी गणगौर की सवारी शनिवार शाम को सिटी पैलेस की जनानी ड्योढ़ी से गाजेबाजे के साथ निकलेगी। यहां से सवारी त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार से होती हुई चौगान स्टेडियम और फिर ताल कटोरा पहुंचकर संपन्न होगी।

263 साल से अपने पीहर जयपुर में अकेली पूजी जा रही गणगौर माता

ढूंढाड़ की गणगौर माता (मां पार्वती) 263 साल से ईसर जी (शिव जी) के बिना अपने पीहर जयपुर की जनानी ड्योढ़ी में अकेले पूजी जा रही है। मां की सवारी भी इतने सालों से अकेली ही निकल रही है। दरअसल, रूपनगढ़ के महाराजा सावंत सिंह के समय वहां के महंत ने किशनगढ़ में सवारी निकालने के लिए ईसर-गणगौर नहीं दिए। इस पर किशनगढ़ के महाराजा बहादुर सिंह जयपुर से ईसर जी को लूटकर ले गए। उन्होंने उनकी स्थापना किशनगढ़ किले में कर दी। तब से जयपुर में अकेले गणगौर पूजन हाे रहा है।

दूसरी रियासतों में गणगौर के साथ ईसर जी की सवारी निकलती है। किशनगढ़ में भी ईसर जी के साथ गणगौर की स्थापना कर दी गई है। चूंकि गणगौर सौभाग्य का पर्व है। इस दिन पूर्व राजपरिवार सहित सभी महिलाएं, सुख-समृद्धि व सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं।

राजसमंद के आमेट राजमहल में महिलाओं ने गाए मंगल गीत
राजसमंद के आमेट उपखंड पर आज राजमहल सहित आस पास गणगौर हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। महिलाओं ने गणगौर की पूजा 16 दिनों तक लगातार की और सामूहिक रूप में पूजी। ऐसा कहा जाता है कि गणगौर की पूजा होली के दूसरे दिन से ही शुरू होती है। राजमहल में गणगौर माता व ईसर भगवान की झांकी सजाई और पारंपरिक गहनों से शृंगार किया। राजपरिवार की महिलाओं ने पारंपरिक गहनें पहनकर व सजधजकर माता गणगौर की पूजा की तथा ‘गौर गौर गौमती, ईसर पूजे पार्वती…’ जैसे अनेक मंगल गीत गाए। पूर्व राजपरिवार की आनन्दकुमारी ने बताया कि राज परिवार में विगत कई वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

English
मोबाइल संस्करण से बाहर निकलें