PM मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 का शुभारंभ किया.
केंद्र ने 2047 तक देश से इस बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है.
यह मिशन 17 राज्यों के 278 जिलों में लागू किया जाएगा.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित लालपुर गांव में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 (National Sickle Cell Anemia Eradication Mission) का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लगभग 3.57 करोड़ डिजिटल कार्ड और एक करोड़ से अधिक पीवीसी आयुष्मान भारत कार्ड भी वितरित किए.
इंडिया टुडे के अनुसार पीएम मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दुनिया के आधे सिकल सेल एनीमिया के मामले भारत में होते हैं. साथ ही उन्होंने भारत को आजादी मिलने के बाद से पिछले 70 सालों में इस मुद्दे को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किए जाने पर चिंता भी व्यक्त की. यह मानते हुए कि यह बीमारी मुख्य रूप से आदिवासी समुदायों को प्रभावित करती है, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बीमारी को खत्म करने के लिए एक अभियान शुरू करने के महत्व पर जोर दिया.
क्या है सिकल सेल एनीमिया?
सिकल सेल एनीमिया एक रक्त विकार (Blood Disorder) है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता रहता है. यह बीमारी माता-पिता से ही बच्चे में आती है. यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार लाल रक्त कोशिकाओं को सीधे प्रभावित करता है. सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित व्यक्तियों को रक्त प्रवाह में कमी या रुकावट का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप कई लक्षण दिखाई देते हैं जो आम तौर पर छह महीने की उम्र के आसपास नजर आते हैं.
कैसे होते हैं लक्ष्ण?
सिकल सेल एनीमिया के लक्षणों में हाथ, पैर और जोड़ों में दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, बार-बार पीलिया, लीवर में सूजन, मूत्राशय में रुकावट/दर्द और पित्ताशय की पथरी शामिल हैं. यह रोग शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बाधित करता है, जिससे थकान और पूरे शरीर में दर्द होता है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों को सिकल सेल कैरियर या सिकल रोगी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.
क्या है सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन
इस मिशन की घोषणा केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई थी. इसका उद्देश्य प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में 0 से 40 वर्ष की आयु के लगभग 7 करोड़ लोगों के बीच जागरूकता पैदा करके और सार्वभौमिक जांच करके सिकल सेल एनीमिया को खत्म करना है. यह मिशन 17 राज्यों के 278 जिलों में लागू किया जाएगा. इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड शामिल हैं. सरकार ने इस मिशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी ली है. पीएम मोदी ने इसे प्राथमिकता वाली पहल घोषित किया है. पीएम ने 2047 तक देश को इस बीमारी के बोझ से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा, जिस वर्ष भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा.