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SCO Summit: समिट में PM मोदी ने पाकिस्तान को बिना नाम लिए सुनाई खरी-खरी, कहा- कुछ देश आतंकियों को पनाह दे रहे

SCO समिट में पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर बिना नाम लिए निशाना साधा और कहा कि कुछ देश आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। इस समिट में पाकिस्तान के पीएम भी मौजूद थे।

नई दिल्ली: SCO समिट में पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर बिना नाम लिए निशाना साधा है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के इंस्ट्रूमेंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। आतंकवाद एक प्रमुख खतरा है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें मिलकर लड़ना होगा। SCO को ऐसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं होना चाहिए। टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के लिए हमें आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है। इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है। आतंकवाद चाहें किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा।

अफगानिस्तान को लेकर कही ये बात
पीएम मोदी ने कहा कि ये आवश्यक है कि अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या एक्सट्रीमिस्ट विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग न की जाए।

पीएम ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। पिछले दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योगदान दिया है। 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं।

हमारे प्रयासों को दो मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित किया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि पिछले 2 दशक में SCO पूरे एशियाई क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है। हमने हमारे प्रयासों को दो मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित किया है, पहला वसुधैव कुटुम्बकम और दूसरा सिक्योर यानी सिक्योरिटी, इकोनॉमिक डेवलपमेंट व अन्य हमारे SCO का विजन है। भारत ने इस दृष्टिकोण के साथ SCO में सहयोग के 5 नए स्तंभ बना हैं। स्टार्ट अप एंड इनोवेशन, ट्रेडिशनल मेडिसिन, यूथ इंपावरमेंट, डिजिटल इंक्लूजन व अन्य।

पीएम मोदी ने कहा कि हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के रूप में हमारे लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ हैं? क्या हम आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं? क्या SCO एक ऐसा संगठन बन रहा है जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार हो?

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