नई दिल्ली: इंडिया डेलिगेशन का एक गुट मणिपुर दौरे पर गया था। जहां उन्होंने मणिपुर में जाकर बिगड़ते हालातों का जायजा लेते हुए एक रिपोर्ट तैयार किया है। और आज ही सांसद देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे साथ ही अपनी रिपोर्ट भी उन्हें सौपेंगे। बता दें कि संसद में आज विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है । जहां मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करेगा। साथ ही अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी अपनी रणनीति बनाएगा। मणिपुर एक मुद्दा ही नहीं बल्कि ये एक सियासी जंग बन चुका है, जिसकी वजह से विपक्ष और पक्ष दोनों में ही बात नहीं बन रही है। एक तरफ विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं , तो वहीं दूसरी और केंद्र सरकार मणिपुर मुद्दे को लेकर संसद में चर्चा करने के लिए तैयार हो गई है। लेकिन संसद में चर्चा को लेकर भी दोनों के बीच कई नियम और शर्तें हैं। लोकसभा में आज बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक होने वाली है, इसके बाद ही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने की तारीख का भी ऐलान हो सकता है।
दिल्ली अध्यादेश पर भी उठेंगे सवाल
विपक्षी दल द्वारा लाई गई अविश्वास प्रस्ताव देश की 27वीं अविश्वास प्रस्ताव है। जिसको लेकर मणिपुर में हो रहे मुद्दे को विपक्ष “केंद्र सरकार” को घेरने का काम करेगी। मॉनसून सत्र 20 जुलाई के दिन ही शुरू हुआ था। जिस दिन मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के अंदर विपक्ष और केंद्र सरकार के बीच एक बड़ी लड़ाई देखी गई। वहीं दूसरी ओर संसद से ही दिल्ली अध्यादेश को लेकर एक मामला खड़ा हुआ था, जहां आम आदमी पार्टी के नेता अध्यादेश का विरोध कर रहे थे। ऐसे में इस संसद में आज का दिन बड़ा ही महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।ख़बरों की माने तो दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित संशोधन विधेयक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में पहले ही मुहर लग चुकी है और ये भी बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में दिल्ली सेवा बिल भी पेश कर सकते हैं। वही सांसदों का बिलसर्कुलेट भी कर दिया गया है।
संसद में आज उठेंगे कई बड़े मुद्दे
संसद के लिए आज बड़ा ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि ऐसे कई मुद्दों पर बहस छिड़ेगी जो हंगामे का पात्र बन सकते हैं। फिर चाहे वो दिल्ली अध्यादेश हो या फिर अविश्वास प्रस्ताव हो, या फिर मणिपुर में हो रही हिंसा हो। बता दें कि अध्यादेश के मामले को लेकर लोकसभा के अंदर केंद्र सरकार के पास बहुमत तो बहुत है, लेकिन आम आदमी पार्टी अन्य विपक्षी सांसद की मदद से राज्यसभा में इस विधेयक को रोकने की कोशिश करेंगे। लोकसभा में होने वाले बिल पेश को लेकर दिल्ली अध्यादेश पर क्या निर्णय निकलता है यह तो आज संसद की कार्यवाही के बाद ही पता चलेगा।