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Rajasthan: राजस्थान में BJP की परिवर्तन यात्रा के संयोजक अरुण चतुर्वेदी का दावा- 100 फीसदी सत्ता परिवर्तन होगा और बीजेपी का कमल खिलेगा

बीजेपी ने एक बार फिर से दावा किया है कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है। बीजेपी की संकल्प यात्राएं समपन्न होने की कगार पर है। पार्टी इस प्रयास में है कि यात्राओं के जरिए राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों को कवर किया जा सके। पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सौ फीसदी बीजेपी राजस्थान में सत्ता हासिल करेगी।

जयपुर: सत्ता परिवर्तन के मिशन को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से निकाली जा रही परिवर्तन संकल्प यात्राएं समापन के पड़ाव पर है। चार अलग-अलग यात्राओं में से पहली यात्रा का समापन मंगलवार 19 सितंबर को जयपुर में हुआ। जयपुर में अलग-अलग 18 स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान पूर्व मंत्री और यात्रा के संयोजक अरुण चतुर्वेदी, महामंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व राष्ट्रीय मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह सहित कई नेता मौजूद रहे। यात्रा के शामिल कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि राजस्थान में सौ फीसदी सत्ता परिवर्तन होगा। प्रदेश में भाजपा की जीत होगी और कमल खिलेगा।

पूरे प्रदेश में मिल रहा भरपूर समर्थन : चतुर्वेदी
पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि परिवर्तन यात्रा के चारों रथ राजस्थान की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में को कवर रहे हैं। यात्रा अंतिम पड़ाव पर है। प्रदेशभर में जनता का अपार समर्थन मिला है। हर विधानसभा क्षेत्र में जनता की भारी भीड़ परिवर्तन यात्रा के स्वागत में उमड़ी है। इससे स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश की जनता कांग्रेस के कुशासन से त्रस्त हो चुकी है और बीजेपी के हाथों में सत्ता की बागडोर सौंपने वाली है। चतुर्वेदी ने कहा कि बीजेपी के शासन में केंद्र सरकार की उपलब्धियां किसी से छिपी नहीं है। पीएम मोदी के कामकाज की वजह से आज भारत पूरी दुनिया में सिरमौर बना हुआ है।

आपसी लड़ाई में कांग्रेस ने गंवा दिए पांच साल
पहली परिवर्तन यात्रा के समापन पर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र सिंह ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का राज रहा ही नहीं। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की आपसी लड़ाई में पूरे पांच साल बीत गए। एक नेता कुर्सी पाने के लिए लड़ता रहा तो दूसरा कुर्सी पर कब्जा बरकरार रखने के लिए लड़ता रहा। इन दोनों नेताओं की आपसी लड़ाई में प्रदेश की जनता कामकाज के लिए तरसती रही।

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