Rajasthan: दिल्ली बुलाए गए सचिन पायलट, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, सरकार और संगठन में फेरबदल के संकेत

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कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और महासचिव मुकुल वासनिक की जयपुर में सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात और उससे पहले दिल्ली में वेणुगोपाल की सचिन पायलट से हुई मुलाकात में सुलह के फॉर्म्युले और आगामी ज़िम्मेदारियों पर चर्चा हुई। माना जा रहा है सचिन पायलट को जल्द ही अहम नई जिम्मेदारी देकर विधानसभा चुनाव की तैयारी में उतारा जा सकता है।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे से दिल्ली लौटने के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत खेमे के बीच चली आ रही खींचतान भी सुलह के रास्ते पर बढ़ती नजर आ रही है। गहलोत ने सचिन पायलट की तीनों मांगें तो मानने से सार्वजनिक रूप से इनकार कर दिया है, लेकिन पायलट को पार्टी में जिम्मेदारी और कोई पद देने पर एतराज नहीं किया है।

सीएम गहलोत भी जानते हैं कि अबकी बार कांग्रेस सरकार रिपीट होने के चांस बन रहे हैं, क्योंकि बीजेपी में भी खींचतान है। सीएम फेस क्लीयर नहीं है। बीजेपी वर्सेज अशोक गहलोत चुनाव राजस्थान में होने के आसार बन रहे हैं। ऐसे में पायलट की नाराजगी मोल लेकर युवाओं और गुर्जर वोट बैंक का नुकसान नहीं उठाया जाना चाहिए।

संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल खड़गे और राहुल गांधी से कर रहे कॉर्डिनेट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा विवाद समाप्त कराने में खुद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जुट गए हैं। एआईसीसी अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बीच इस मसले को लेकर बातचीत हो चुकी है, जिसका संदेश सीएम गहलोत को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दे दिया है।

हाल ही विपक्षी दलों की बैठक में राहुल गांधी के साथ केसी वेणुगोपाल भी पटना जाकर आए हैं। मुकुल वासनिक सीएम गहलोत के बेहद करीबी नेता हैं। उनका वेणुगोपाल के साथ गहलोत से मिलने आना भी बड़ा सियासी मैसेज देता है। वेणुगोपाल से सीएम अशोक गहलोत की मुलाकात के दौरान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ डोटासरा मौजूद थे। लेकिन मुकुल वासनिक ने सीएम गहलोत से अकेले में अलग से मुलाकात की। गहलोत ने भी खुलकर वासनिक को अपना पक्ष रख दिया है। सूत्र बताते हैं कि सीएम गहलोत सचिन पायलट को आगामी विधानसभा चुनाव और संगठन के लिहाज से पद देने पर राजी हैं।

सचिन पायलट गए दिल्ली, दिल्ली से लाएंगे पद
सचिन पायलट भी एक दिन जयपुर में रुकने के बाद वापस दिल्ली लौट गए हैं। अब सचिन पायलट की जल्द ही राहुल गांधी से मुलाकात होने की संभावना है। जैसे ही पायलट को ज़िम्मेदारी दी जाएगी, राहुल गांधी के साथ मुलाकात की उनकी तस्वीर भी सामने आ सकती है। सूत्र बताते हैं कि पायलट को नई जिम्मेदारी देने के साथ ही संगठन में व्यापक फेरबदल किया जाएगा। अपुष्ट खबरें मंत्रिमंडल में फेरबदल की ओर भी इशारा कर रही हैं।

पायलट की मांगों का क्या होगा?
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि सचिन पायलट की उन तीन मांगों का क्या होगा? जो उन्होंने सार्वजनिक रूप से अल्टीमेटम देते हुए जयपुर के भांकरोटा की जनसभा में जनता के सामने रखी थीं। उसके बाद पायलट ने मीडिया के सामने फिर दोहराया था कि मैं अपनी मांगों से पीछे नहीं हटूंगा। जानकार बताते हैं कि सचिन पायलट के लिए भी उनकी मांगें फांस बन गई हैं। उनसे पीछे हटकर केवल पद ले लेने से जनता में बहुत गलत मैसेज जाएगा।

ये हैं सचिन पायलट की मांगें, जो गहलोत ने ठुकराई…
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राज में हुए कथित घोटालों की जांच करवाएं।
आरपीएससी का पुनर्गठन कर उसके अध्यक्ष और सदस्यों में आमूलचूल परिवर्तन करें।
भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक से पीड़ित अभ्यर्थियों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा 25 सितंबर 2022 को सीएम निवास पर बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर पैरेलल विधायकों की बैठक बुलाने और इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने के मामले में AICC अनुशासन समिति द्वारा संसदीय कार्य और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ अनुशासनहीनता के नोटिस पर कार्रवाई की जाए।

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