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Rajasthan: कांग्रेस के सर्वे में खुलासा बदले जाएंगे 70-75 प्रत्याशी, जनता की नाराजगी के चलते कटेंगे 30 कांग्रेस विधायकों के भी टिकट, 50 फीसदी सीटों पर होंगे नए युवा उम्मीदवार

राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीएम अशोक गहलोत बीते डेढ़ साल में 57 दौरे किए हैं. साथ ही, राहत शिविर के जरिए जनता से कनेक्ट करने के पूरे प्रयास किए हैं.

जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में सत्ता की कमान अपने पास बनाए रखने के लिए कांग्रेस पुरजोर कोशिश कर रही है. ऐसे में इस बार आलाकमान ने नया प्लान तैयार किया है, जिसके तहत प्रदेश में कांग्रेस 50 फीसदी टिकट 50 की उम्र के नीचे वालों को दिए जाएंगे. पहले इन नियम को लोकसभा चुनाव 2024 में लागू करने की चर्चा थी, लेकिन अब इसे इसी चुनाव से लागू किया जा रहा है. वहीं, 30 विधायकों को उनके क्षेत्र में नाराजगी होने की जानकारी एक वर्कशॉप में दी जाएगी लेकिन सूत्रों के अनुसार खबर है की उन्हे अगला मौका दिया जाए इस पर अभी संशय है। वहीं 2018 विधानसभा के प्रत्याशियों की बात करें तो कॉंग्रेस पार्टी के हाल ही हुए सर्वे के अनुसार 70-75 दावेदारों का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है।

सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि कुल 30 प्रतिशत विधायक ही दोबारा चुने जा सकते हैं. वहीं, यह भी माना जाता है कि एक विधायक का दूसरी-तीसरी बार जीतना भी बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में कांग्रेस हिसाब-किताब करते हुए आधे टिकट काटने की तैयारी में है और पुराने चेहरों की जगह नया चेहरा खड़ा करने का प्लान कर रही है.

कांग्रेस के सर्वे में खुलासा, कई विधायकों के कामकाज से नाराज जनता
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के साथ राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने-अपने स्तर पर कई सर्वे करवाए. इसके बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि राजस्थान की जनता कांग्रेस विधायकों से नाराज चल रही है. कांग्रेस का कहना है कि राजस्थान सरकार के कामकाज से लोग खुश हैं, लेकिन कुछ विधायकों के प्रति जनता की नाराजगी है.

2 महीने पहले टिकट बंटवारे की योजना
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीएम अशोक गहलोत बीते डेढ़ साल में 57 दौरे किए हैं. साथ ही, राहत शिविर के जरिए जनता से कनेक्ट करने के पूरे प्रयास किए हैं. अब आगामी चुनाव से पहले कांग्रेस टिकट बंटवारे को लेकर भी पुख्ता कदम उठा रही है ताकि सरकार रिपीट करने का सपना केवल सपना बनकर न रह जाए. यही वजह है कि चुनाव से दो महीने पहले की टिकट बांटने की योजना बनाई गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे फायदा ये होगा कि जनता अपने उम्मीदवार को पहचान पाएगी और नकारात्मकता कम की जा सकेगी. जीत की संभावना वाले उम्मीदवारों को ही टिकट देने की योजना है.

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