राजस्थान में संगठित अपराधों पर लगाम कसने के लिए राज्य की अशोक गहलोत सरकार नए विधेयक पर अमल करने जा रही है। इसे लेकर मंगलवार को राज्य विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप लेगा। इस कानून के अंतर्गत किसी व्यक्ति की हत्या होने पर दोषी को उम्र कैद या फांसी की सजा भी दी जा सकती है।
जयपुर: राजस्थान में संगठित अपराधों पर लगाम कसने के लिए राज्य की अशोक गहलोत सरकार नए विधेयक पर अमल करने जा रही है। इसे लेकर मंगलवार को राज्य विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप लेगा।
बीते मंगलवार माकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) की तर्ज पर प्रदेश में राजस्थान संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक यानी राजस्थान कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (राकोका) पारित करवाया गया। विधेयक में किए गए प्रावधानों के अनुसार गिरोह बनाकर अपराध करने वालों की संपत्ति जब्त होगी।
अपराध में किसी की जान गई तो हो सकती है फांसी या उम्रकैद
अपराधी के हमले से किसी व्यक्ति की हत्या हो जाती है तो उसे उम्र कैद अथवा फांसी की सजा मिलेगी। साथ ही न्यूनतम एक लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अन्य अपराध में अपराधी को कम से कम पांच साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा मिलेगी। अपराधी को पांच लाख तक का जुर्माना भी देना होगा।
संगठित अपराधों के लिए विशेष न्यायालय होंगे । पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी इस तरह के मामलों की जांच करेंगे। ‘राकोका’ के प्रावधान के अनुसार गिरोह बनाकर अपराध करने वालों की संपति जब्त होगी। संपत्ति को सरकार अपने कब्जे में ले सकेगी। अपराधियों की संपत्ति या पैरा अपने कब्जे में रखने वालों को भी सजा मिलेगी।
अपराधी को शरण देने पर 5 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा
जिन अपराधियों के खिलाफ पिछले 10 साल में एक से ज्यादा चार्जशीट पेश की गई हो और न्यायालय ने उन पर संज्ञान लिया हो ।ऐसे अपराधियों को राकोका के दायरे में लिया गया है। इस अपराध में लंबे समय तक जमानत नहीं होगी।गिरोह के प्रत्येक सदस्य के खिलाफ ‘राकोका’ के प्रावधानों के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
अगर 2 या इससे ज्यादा अपराधियों ने मिलकर किसी को फिरौती के लिए धमकाया, पैसा वसूला तो इसे ‘राकोका’ के तहत संगठित क्राइम मानकर कार्रवाई होगी।ऐसा करने वालों की संपत्ति और पैसा जब्त होगा।
गिरोह के सदस्यो को शरण देने वालों को कम से कम पांच साल की सजा और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकेगी।पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है।
राजस्थान में जेलों की व्यवस्था में सुधार होगा
विधानसभा में जेलों की सुरक्षा बढ़ाने, कैदियों की चिकित्सा एवं अन्य व्यवस्थाओं को लेकर विधेयक पारित किया गया। विधेयक में कैदियों के नियमित स्वास्थ्य जांच, महिला और पुरुष कैदियों को एक-दूसरे से अलग रखने, जेलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने,कैदियों को एक जेल से दूसरे जेल में भेजे जाते समय विशेष सुरक्षा का ध्यान रखने सहित कई प्रावधान इस विधेयक में किए गए हैं।
विधेयक के अनुसार प्रदेश में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी को जेल महानिदेशक के पद पर लगाया जाएगा। जेलों में अधीक्षक और जेलर लगाने के साथ ही चिकित्सक भी तैनात होंगे।
विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती मे अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक पेश किया गया । अगले एक-दो दिन में चर्चा के बाद यह विधेयक पारित होगा। जिसके बाद कानून बनेगा।