Rajasthan: पुरानी पेंशन योजना बहाली को लेकर कर्मचारियों में रोष, 18 को प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान

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ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारी संगठन इकट्ठा होकर आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। 11 जनवरी को समस्त जिला मुख्यालयों पर और 18 जनवरी को प्रदेशव्यापी विशाल प्रदर्शन की योजना बना रहे कर्मचारी।

जयपुर: ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) को अपने 2022 के बजट भाषण में समाहित कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों को एक उम्मीद दी थी। राज्य सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को राजस्थान में लागू कर दिया गया है, इसका दावा भी किया था। कई जगह मुख्यमंत्री गहलोत ने इस योजना के विषय में बात करते हुए यह भी कहा कि यह सामाजिक सुरक्षा का विषय है, यह एक वृद्ध कर्मचारी का हक है जो बुढ़ापे में उसको सम्मान के साथ जीवन बिताने में मददगार सिद्ध होगा। राजस्थान के ही बिजली विभाग के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिलने से कर्मचारियों में खासा रोष है, जिसको व्यक्त करने के लिए कर्मचारी संगठन इकट्ठा होकर आंदोलन की तैयारी में जुटे हुए हैं।

कर्मचारियों ने की बैठक
बिजली कर्मचारियों पर ओपीएस लागू करने के लिए सभी संगठन एकता मंच के बैनर तले एकजुट हुए। यहां बैठक में सरकार के खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया गया। बैठक में कर्मचारी अधिकारी सहित सभी संगठन मौजूद रहे और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि 11 जनवरी को समस्त ज़िला मुख्यालयों पर एक दिवसीय प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार ने मांगें नहीं मानी तो पांच सूत्रीय मांग पत्र के समर्थन में विद्युत भवन पर राजस्थान के समस्त कर्मचारी एवं अधिकारी मांगों के लिए हुंकार भरेंगे। 18 जनवरी को प्रदेशव्यापी विशाल प्रदर्शन विद्युत भवन पर किया जाएगा।

एनपीएस को ओपीएस लागू कर बदल दिया गया
इनके अनुसार राज्य कर्मचारियों पर एनपीएस लागू थी, जिसे ओपीएस लागू कर बदल दिया गया। वहीं बिजली कर्मचारियों पर एनपीएस के स्थान पर ईपीएस-1995 लागू है, जिसमें सामाजिक सुरक्षा नहीं मिल पाती। बैठक में प्रांतीय विद्युत मंडल फेडरेशन, राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ, राजस्थान विद्युत कर्मचारी संघ, बिजली वर्कर्स फेडरेशन, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन, इंजीनियर एसोसिएशन, विद्युत कर्मचारी फेडरेशन, ऑल राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज फेडरेशन, सीटू, राजस्थान विद्युत मीटर रीडर यूनियन एवं इंटर डिस्कॉम संघर्ष समिति सम्मिलित रहे।

ओपीएस को सरकार बना रही चुनावी मुद्दा
इनका आरोप है राज्य सरकार जहां एक तरफ इस मुद्दे को पूरे देश में चुनावी मुद्दा बना रही है और हिमाचल प्रदेश के तो चुनाव भी इस मुद्दे पर लड़े गए और जीत के बाद ओल्ड पेंशन स्कीम को ही श्रय मिला तो राजस्थान में मुख्यमंत्री के अपने विभाग के 50 हजार कर्मचारियों को इस योजना से दूर क्यों रखा जा रहा है।

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