पेपर लीक मामला: पायलट का गहलोत से सीधा सवाल ‘तिजोरी में बंद पेपर बाहर कैसे आया, कोई जादूगरी हुई क्या’?

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सरकारी नौकरियों में भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक के मामले में पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच वार-पलटवार तीसरे दिन भी जारी रहा।पर्चा तिजोरी में बंद होता है फिर वहां से बाहर कैसे पहुंच गया यह तो जादूगरी हो गई।उन्होंने अधिकारियों को राजनीति नियुक्तियां देने पर भी सवाल उठाए।

जयपुर: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने किसान सम्मेलनों के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन कर कांग्रेस आलाकमान की चिंता बढ़ा दी है। पायलट ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन झुंझुनूं जिले के गुढ़ा में किसान सम्मेलन को संबोधित किया। इससे पहले वे नागौर और हनुमानगढ़ जिले में किसान सम्मेलन को संबोधित कर चुके हैं।बृहस्पतिवार को पायलट पाली जिले में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे ।

बुधवार को पायलट के साथ तीन मंत्री और आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों ने किसान सम्मेलन में पहुंचे। इस दौरान नागरिक सुरक्षा राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा और अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने पायलट को सीएम बनाने की मांग की ।

वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी एवं परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला ने कहा, पायलट को राजस्थान की कमान सौंपने से प्रदेश के साथ ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सीटों में बढ़ोतरी होगी ।जानकारी के अनुसार लगातार तीन दिन तक अलग-अलग किसान सम्मेलनों में पायलट को सुनने के लिए जुटी भीड़ ने कांग्रेस आलकमान की चिंता बढ़ा दी है। विधानसभा के बजट सत्र से पहले पायलट का शक्ति प्रदर्शन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए चुनौती माना जा रहा है।

पायलट ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
सरकारी नौकरियों में भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक के मामले में पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच वार-पलटवार तीसरे दिन भी जारी रहा। पायलट ने बुधवार को अधिकारियों को सेवानिवृति के बाद राजनीतिक नियुक्तियां देने पर गहलोत का नाम लिए बिना तीखा हमला बोला है। पायलट ने कहा,जब बार-बार पर्चा लीक होता है तो हमें दुख होता है। इसके लिए जिम्मेदारी तय कर के कार्यवाही होनी चाहिए । ऐसा संभव नहीं है कि अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। अब कहा जा रहा है कि अधिकारी जिम्मेदार नहीं है ।

अधिकारियों को राजनीति नियुक्तियां देने पर भी उठाए सवाल
पर्चा तिजोरी में बंद होता है फिर वहां से बाहर कैसे पहुंच गया यह तो जादूगरी हो गई। उन्होंने अधिकारियों को राजनीति नियुक्तियां देने पर भी सवाल उठाए । पायलट ने कहा,जिन लोगों ने सरकार बनाने के लिए खून पसीना बहाया उनका अनुपात सुधरना चाहिए।

पायलट ने कहा,अगर कार्यकर्ता को राजनीतिक नियुक्तियां दी जाए तो हम सब स्वागत करेंगे। बड़े अधिकारी शाम को पांच बजे सेवानिवृत होते हैं और रात 12 बजे सरकार में उन्हे राजनीतिक नियुक्ति दी जाती है। गहलोत पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा,2013 में कांग्रेस के मात्र 21 विधायक रह गए थे। केवल दो मंत्री जीते थे। उन विपरित परिस्थिति में मैने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए मेहनत की और प्रदेश में सरकार बनी । उल्लेखनीय है कि 2013 में गहलोत सीएम थे।

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