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चीन: सिर्फ कागज़ी शेर बन के रह गया है, हथियार तो हैं लेकिन चलाने को प्रशिक्षित सैनिकों की भारी कमी

भारत से चल रहे तनाव के बीच चीन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. चीनी सेना इन दिनों प्रशिक्षित सैनिकों की कमी से जूझ रहा है. यह बात खुद चीनी सेना ने मानी है कि उसके पास अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों को संचालित करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षित और कुशल सैनिकों की कमी है. चीनी सेना को लेकर ये चौंकाने वाले खुलासे ऐसे वक्त पर हुए, जब एक महीने पहले ही अरुणाचल के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी.

दरअसल, चीनी सेना के माउथपीस PLA डेली के असेसमेंट के आधार पर साउथ-चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रिपोर्ट छापी है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना ने माना है कि उसके पास टैलेंट की कमी है. चीनी सेना में पर्याप्त कुशल सैनिक नहीं हैं, जो हाई टेक उपकरणों को संचालित कर सकें.

असेसमेंट में हुए ये खुलासे

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है. ऐसे में सैनिकों में उच्च तकनीक विशेषज्ञता की कमी अत्याधुनिक उपकरणों को पूरी तरह से इस्तेमाल करने से सीमित करती है, खासकर नौसेना में.
  • पीएलए के शीर्ष कमांडरों ने अभी तक एक बेसिक ट्रेनिंग टेस्ट पूरा नहीं किया है. इसमें चीनी वॉरशिप के वाइस कैप्टन वांग यूबिंग भी शामिल हैं. वह उन नौसैनिकों में से एक हैं, जिनका प्रशिक्षण अभी खत्म नहीं हुआ है, और वाइस कैप्टन बनाया गया है.
  • PLA डेली द्वारा 26 दिसंबर को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, टाइप 056 कार्वेट झांगे के वाइस कैप्टन एक महत्वपूर्ण ट्रेनिंग असेसमेंट पूरा नहीं कर पाए.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने हाल ही के कुछ सालों में कई पुराने युद्धपोतों को रिटायर कर दिया और नए युद्धपोतों को कमीशन किया गया. लेकिन बहुत कम लोग हैं, जो जानते हैं कि इन्हें संचालित कैसे करना है. ऐसे में समस्या गंभीर होती जा रही है.

चीन में क्यों आ रही ये दिक्कत ?

चीन में हर युवा के लिए सेना भर्ती अनिवार्य है. लेकिन आबादी के चलते इसमें कई तरह की दिक्कतें भी उठानी पड़ रही हैं. दरअसल, चीन में चीन में पुरुषों की आबादी को देखते हुए हर साल 80 लाख युवाओं को सेना की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद युवा 2 साल सेना में देते हैं. इन्हें 90 दिनों की ट्रेनिंग दी जाती है, जबकि 16 दिन की पॉलिटिकल शिक्षा दी जाती है. ऐसे में इस पॉलिसी के चलते चीन में हर साल तीन से चार महीने के लिए 20 से 35 प्रतिशत सेना की कमी का सामना करना पड़ता है.

  • कहने को तो चीन बड़ी संख्या में भर्ती करता है. लेकिन कुशल सैनिकों को शामिल नहीं कर पा रहा है. दरअसल, चीन में ग्रामीण पृष्ठभूमि के गरीब युवाओं बड़ी संख्या में सेना में भर्ती किया जाता है. वहीं, शहरी युवा सेना की नौकरी छोड़ देते हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का दावा है कि चीन में एक बच्चे की नीति इसके पीछे मुख्य वजह हैं.
  • वन चाइल्ड पॉलिसी- चीन में वन चाइल्ड पॉलिसी के चलते पैदा हुए बच्चे लाड़ प्यार से रहते हैं. ऐसे में वे सैन्य अनुशासन का पालन नहीं कर पाते. चीन की ओर से समय समय पर चीनी सेना के ट्रेनिंग के वीडियो शेयर किए जाते रहते हैं. लेकिन वे पूरी कहानी पेश नहीं करते. ये वीडियो इस तथ्य पर पर्दा डालते हैं कि चीन में जिन परिस्थितियों में ट्रेनिंग होती है, वे चुनौतीपूर्ण नहीं हैं.

जब दुनिया के सामने बेनकाब हुई चीनी सेना

  • अक्टूबर 2019 में वुहान शहर में आयोजित वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में चीटिंग करने के आरोप में चीन की ओरिएंटियरिंग टीम को अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
  • 2015 में सूडान में यूएन पीसकीपिंग फोर्स में तैनात चीनी जवान युद्ध का मैदान छोड़ भाग गए थे.

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