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ICICI की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति को जमानत, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा CBI ने गैरकानूनी तरीके से गिरफ़्तार किया

ICICI बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बड़ी राहत मिली है.

New Delhi: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया है. इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि यह गिरफ़्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई थी. इससे पहले शुक्रवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वी राज चव्हाण की पीठ ने याचिका को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया था.

सीबीआई ने 23 दिसंबर को इन दोनों को 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया था. सीबीआई का आरोप था कि वे जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. जिसके बाद पति-पत्नी को हिरासत में ले लिया गया था. इसके कुछ दिनों बाद यानी 26 दिसंबर को वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया गया था.

चंदा कोचर पर मार्च 2018 में अपने पति को आर्थिक फ़ायदा पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था. चंदा कोचर उस कमेटी का हिस्सा रहीं, जिसने 26 अगस्त 2009 को बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपये और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी थी. कमेटी का इस फैसले में बैंक के रेगुलेशन और पॉलिसी का उल्लंघन किया गया था.

प्रवर्तन निदेशालय ने मई 2020 में चंदा कोचर और उनके पति से करोड़ो रुपये के लोन और इससे जुड़े अन्य मामलों में पूछताछ की थी. यह लोन ICICI बैंक ने वीडियोकॉन को 2009 और 2011 में दिया था. उस समय चंदा कोचर बैंक की MD और CEO थीं. इस मामले में CBI ने भी FIR दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी.

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