फ्रांस में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान अफ्रीका के नाबालिग लड़के की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि है कि लड़के की मौत पुलिस की गोली से हुई है.
पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस में अफ्रीकी मूल के 17 साल के नाबालिग लड़के की हत्या का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. घटना के बाद शहर में जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. घटना के दूसरे दिन यानी बुधवार को पेरिस में कई जगहों पर आगजनी और आतिशबाजी की घटना देखने को मिली है. प्रदर्शनकारियों ने कई कारों को आग के हवाले भी कर दिया. आतंरिक मंत्रालय ने लोगों से शांति की अपील करते हुए शहर में 2000 अतिरिक्त पुलिस जवानों की तैनाती कर दी है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक – लिले और दक्षिण-पश्चिम में स्थित टूलूज में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली है. वहीं, पेरीस के दक्षिण में स्थित एमिएन्स, डिजॉन और एस्सोने के प्रशासनिक विभागों में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है. सोशल मीडिया पर भी प्रदर्शन की कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए हैं, जिसमें लोग मॉन्ट्रियल टाउन हॉल में घटना के विरोध में पुलिस पर आतिशबाजी करते हुए नजर आए.
घटना के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने गोलीबारी की घटना को बयां नहीं करने वाला बताते हुए अक्षम्य करार दिया. हालांकि, हत्या के इस पूरे मामले की जांच चल रही है. पुलिस ने कहा कि उसकी ओर तब फायरिंग की गई जब ट्रैफिक जांच के दौरान कार को रोकने के लिए दिए गए आदेश को लड़के ने मानने से इनकार कर दिया था.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में एक मर्सिडीज कार के बगल में पुलिस के दो अधिकारी खड़े दिखाई दे रहे हैं. इनमें से एक कार के ड्राइवर को बहुत करीब से गोली मारते हुए नजर आ रहा है. घटना के बाद पुलिस ने कहा कि गोली लगने के कुछ समय बाद ही युवक की मौत हो गई. दूसरी ओर पीड़ित परिवर के वकील ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा है कि वीडियो से बहुत कुछ साफ हो जा रहा है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि फायरिंग नियमों के तहत नहीं की गई है.
सांसदों ने रखा दो मिनट का मौन
नाबालिग युवक की हत्या को लेकर सांसदों ने बुधवार को नेशनल असेंबली में एक मिनट का मौन रखा. खुद प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने कहा है कि गोलीबारी की यह घटना साफतौर पर नियमों का पालन नहीं करती हुई प्रतीत हो रही है. इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार की ओर से घटना में शामिल अधिकारियों के खिलाफ हत्या, हत्या में संलिप्तता और झूठी गवाही को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है.
इस साल की तीसरी घटना
पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार ट्रैफिक के चेकिंग के दौरान फ्रांस में इस साल की यह तीसरी घटना है जब फायरिंग में किसी की जान गई है या फिर गोली लगी है जबकि पिछले साल गोलीबारी की 13 घटना रिपोर्ट की गई थी. वहीं, रॉयटर्स टैली के मुताबिक, 2021 में तीन, 2020 में दो घटना देखने को मिली थी. हैरानी की बात तो यह है कि साल 2017 के बाद अधिकांश घटनाओं में अफ्रीकी मूल या फिर अरब मूल के ही थे.