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Rajasthan: विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत समीकरण साधने में जुटी भाजपा, पीएम मोदी मंत्रिमंडल में किसे मिलेगी एंट्री, किसके दिल्ली जाने से होगा वसुंधरा का रास्ता साफ

राजस्थान विधान सभा चुनाव से पहले केंद्र में समीकरण बैठाने के लिए की जा रही माथापच्ची, कई चेहरों को लेकर हो रहा है मंथन

Jaipur: राजस्थान विधान सभा चुनाव से पहले यहां के जातिगत समीकरण को मजबूत करने की तैयारी तेज हो रही है. सूत्रों का कहना है कि जून के इसी सप्ताह में पीएम नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट में फेरबदल कर सकते हैं. इसमें राजस्थान से कई नामों के शामिल होने की चर्चा है. ऐसे में वो नाम सबसे आगे हैं जो राजस्थान में जातिगत समीकरण को ज्यादा प्रभावित करते हैं. इसमें कुछ राज्यसभा सदस्य भी शामिल हैं. इसमें राजपूत, जाट, ब्राह्मण, आदिवासी और दलित चेहरों को साधने की पूरी कोशिश की जा रही है. संभावना जताई जा रही है कि 28 जून से पहले ये सारी चीजें साफ़ हो जाएंगी.

आदिवासी और दलित वोटर्स पर भी पूरी नजर
राजस्थान चुनाव से पहले बीजेपी यहां पर दलित और आदिवासी वोटर्स पर पूरा फोकस कर रही है. ये पूर्वी राजस्थान और वागड़ (डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़) क्षेत्र को साधने के लिए दौसा की सांसद जसकौर मीणा, पूर्वी राजस्थान से ही आने वाले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद कनकमल कटारा के नाम की चर्चा है. इनमें से एक नाम को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. वहीं, दलित चेहरे में किसी एक सांसद को मंत्री के रूप में जगह दिए जाने की चर्चा है.

ब्राह्मण और राजपूत वोटर्स पर पकड़ बनाने की तैयारी
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी को ब्राह्मण चेहरे के रूप में मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. क्योंकि, घनश्याम तिवाड़ी सीकर, जयपुर दोनों जिलों के साथ अन्य क्षेत्रों में इनका प्रभाव माना जा रहा है. ऐसे में उन क्षेत्रों में पकड़ को और मजबूत बनाने के लिए तिवाड़ी को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की बात सामने आ रही है. वहीं, राजपूत और महिला वोटर्स को साधने के लिए राजसमंद सांसद दीया कुमारी को जगह मिल सकती है.

जाट वोटर्स को साधने के लिए इन पर लग सकता है दांव
जाट वोटर्स को साधने के लिए अजमेर से सांसद भागीरथ चौधरी और सीकर से सांसद सुमेधानंद सरस्वती को मंत्रिमंडल में जगह दी सकती है. ये दोनों केंद्रीय नेतृत्व के टच में है. इन्हे चुनाव से पहले बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.

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