Home National RSS सर कार्यवाहक का ‘घर वापसी’ पर बड़ा बयान, ‘गौ मांस’ खाने...

RSS Sar Karyak's big statement on 'ghar wapsi', even those who eat 'beef' can return to Hinduism - Dattatreya Hosabale

हिंदू धर्म को फिर से अपनाने के मामले यानी ‘घर वापसी’ पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का बड़ा बयान सामने आया है। RSS के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होस्बोले ने कहा है कि गौ मांस खाने वालों की भी हिन्दू धर्म में वापसी हो सकती है।

Jaipur: राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होस्बोले ने कहा है कि जिनके पूर्वज हिंदू हैं, वे सब हिन्दु हैं। वो आज कौनसे पूजा पाठ करते हैं या उनके क्या अभिमत हैं, वो हमारे विचार नहीं है। जो स्वंय को हिंदू मानता है, वो भी हिंदू है। जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में बुधवार 1 फरवरी को आयोजित ‘आरएसएस कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान में बोलते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि अगर किसी ने मजबूरी में गो मांस खा लिया है और वो चले गए हैं तो उनके लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। आज भी उनकी घर वापसी हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के पश्चिम में, उत्तर में, पूर्वांचल और मध्य भारत में 600 से अधिक जनजातियां हैं। वे सब लोग कहते हैं कि वो हम अलग हैं क्योंकि भारत विरोधी ताकतों ने उन्हें उकसाने का काम किया। गोलवलकर जी ने उन्हें कहा था कि वे हिंदू हैं, उनके लिए दरवाजे बंद नहीं हैं। हम वसुदेव कुटुंबकम की अवधारणा पर काम करते हैं।

भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं क्योंकि उनके पूर्वज हिंदू थे – दत्तात्रेय
व्याख्यान में बोलते हुए दत्तात्रेय होस्बोले ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है क्योंकि इस देश को बनाने वाले भी हिंदू हैं। कुछ लोग कहते हैं क वेद पुराण में हिंदू नहीं है लेकिन वेद पुराण में ऐसा भी नहीं है कि इनहें स्वीकार नहीं किया जाए। सत्य और उपयोगी बातों को हमें स्वीकार करना चाहिए। दत्तात्रेय ने कहा कि आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार कभी इस व्याख्या में नहीं पड़े कि हिंदू कौन हैं। भारत भूमि को पितृ भूमि मानने वाले सब हिंदू है। जिन्हें हम हिंदू मानते हैं, वे हिंदू हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं क्योंकि उनके पूर्वज हिंदू थे। उनकी पूजन पद्धति अलग हो सकती है लेकिन उन सभी का डीएनए एक ही है।

संघ ना तो वामपंथी है और ना ही दक्षिणपंथी
दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ना तो वामपंथी है और ना ही दक्षिणपंथी। संघ को राष्ट्रवादी है। इसलिए भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है। हम सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरू बनेगा और दुनिया का नेतृत्व करेगा। संघ ने हर दर्द सहा है और कहा कि एंजॉय द पेन। आज राष्ट्र जीवन के केन्द्र बिन्दु पर संघ है। संघ व्यक्ति और समाज का निर्माण करता है। समाज के लोगों को जोड़कर समाज के लिए आगे भी कार्य करता रहेगा। दत्तात्रेय ने कहा कि आज एक लाख से ज्यादा सेवा कार्य संघ की ओर से किए जा रहे हैं। संघ एक जीवन पद्धति और कार्य पद्धति है, एक जीवन शैली है और संघ आज एक आन्दोलन बन गया है।

संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए – दत्तात्रेय
दत्तात्रेय ने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए। केवल दिमाग से काम नहीं चलेगा क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही संघ का काम है। यही कारण है कि संघ का प्रभाव भारत के राष्ट्रीय जीवन में है। देश में लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की भूमिका रही। यह बात विदेशी पत्रकारों ने लिखी थी। तमिलनाडू में मतांतरण के विरुद्ध हिंदू जागरण का शंखनाद हुआ था। दत्तात्रेय ने कहा कि संघ बहुत ही संघर्ष के दौर से गुजरा है। पहले पत्रकार संघ के कहने पर खबरें नहीं छापते थे। आज संघ छपता है तो अखबार बिकते हैं। देश में संघ के सैंकड़ों लोगों की हत्याएं हुई लेकिन संघ के कार्यकर्ता डरे नहीं हैं।

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