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LIC निवेशकों के 2.40 लाख करोड़ रुपए डूबे, लिस्टिंग के एक साल बाद भी 40% नीचे ट्रेड कर रहा स्टॉक

मुंबई: भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ जारी हुए आज एक साल पूरे हो गए। पिछले साल 17 मई को ही एलआईसी का आईपीओ बड़े जोर-शोर से लॉन्च हुआ था। लेकिन LIC का IPO वैसा परफॉर्म नहीं कर सका, जैसी उम्मीद जताई जा रही थी।

‘जीवन के साथ भी जीवन के बाद भी’ का वादा कर देश की सबसे बड़ी और विश्वासी बीमा कंपनी बनी एलआईसी ने पिछले साल आज ही के दिन अपना आईपीओ लॉन्च किया था। स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के बाद एलआईसी के आईपीओ में काफी लोगों ने पैसा लगाया था। लेकिन LIC का IPO वैसा परफॉर्म नहीं कर सका, जैसी उम्मीद जताई जा रही थी। 17 मई 2022 को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के समय एलआईसी देश की 5वीं बड़ी कंपनी थी, जो अब 13वें स्थान पर लुढ़क चुकी है। इस दौरान कंपनी के मार्केट कैंप में 2.40 लाख करोड़ की चंपत लग चुकी है। इस आम बोलचाल की भाषा में कहे तो एलआईसी आईपीओ की लिस्टिंग के बाद एक साल में निवेशकों के 2.40 लाख करोड़ रुपए डूब गए।

IPO से कंपनी ने जुटाए थे 20557 करोड़ रुपए
पिछले साल निवेशकों ने यह सोचकर एलआईसी के आईपीओ में निवेश किया था कि उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। लेकिन एलआईसी का आईपीओ निवेशकों के लिए बेहद निराशाजनक साबित हुआ है। एलआईसी का शेयर एक साल बाद अपने आईपीओ प्राइस से 40 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है। पिछले साल एलआईसी ने आईपीओ के जरिए 20557 करोड़ रुपये बाजार से जुटाये थे।

40 फीसदी नीचे 569 पर ट्रेंड कर रहा LIC का IPO
IPO लॉन्चिंग के समय ने कंपनी ने 949 रुपये प्रति शेयर के भाव पर निवशकों को शेयर अलॉट किए। जो अब एक साल बाद 40 फीसदी की गिरावट के साथ 569 रुपये पर ट्रेंड कर रहा है। आईपीओ प्राइस के हिसाब से कंपनी का मार्केट कैपटलाईजेशन 6 लाख करोड़ रुपये के करीब था जो घटकर 3.60 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका है। मतलब कि लिस्टिंग के बाद से कंपनी 2.40 लाख करोड़ रुपए गंवा चुकी है।

अडानी जैसा हुआ एलआईसी का भी हाल
बीते एक साल में एलआईसी के साथ-साथ अडानी की कंपनियों को भी खासा नुकसान हुआ है। हालांकि अडानी की कंपनियों को हुए नुकसान के पीछे अमरीकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट वजह बनी। एलआईसी ने भी अडानी की कंपनियों में काफी निवेश कर रखा है। ऐसे में आईपीओ में घाटे के साथ अडानी के साथ एलआईसी को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा।

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